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भ्रष्टाचार सहित तीन मांगे पन्द्रह दिन में नहीं मानी गई तो पूरे राजस्थान में होगा आंदोलन -पायलट

भ्रष्टाचार सहित तीन मांगे पन्द्रह दिन में नहीं मानी गई तो पूरे राजस्थान में होगा आंदोलन -पायलट

जयपुर 15 मई (वार्ता) पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी ही कांग्रेस सरकार से राजस्थान लोकसेवा आयोग

(आरपीएससी) को बंद कर कोई नई व्यवस्था लाई जाने, पेपर लीक से जिन बच्चों का नुकसान हुआ , उन्हें उचित आर्थिक मुआवजा देने और

वसुंधरा सरकार के समय भ्रष्टाचार की जांच की मांग करते हुए घोषणा की है कि अगर ये तीनों मांगे पन्द्रह दिन में पूरी नहीं होती है तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।

श्री पायलट भ्रष्टाचार को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ अजमेर से जयपुर तक की पांच दिन की अपनी जनसंघर्ष पद यात्रा के समापन पर सोमवार को जयपुर के भांकरोटा में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। जनसभा हजारों लोगों ने भाग लिया। उन्होंने कहा " सरकार के सामने ये तीन मांगे रखी गई अगर इस महीने के आखिर तक ये मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे प्रदेश में हम आंदोलन करेंगे।" उन्होंने सरकार के सामने तीन मांगें रखते कहा कि उनकी

पहली मांग यदि जनता पर दोबारा भरोसा जीतना है तो आरपीएससी को बंद करो और कोई नई व्यवस्था लाई जाए। एक कानून बने, जिसमें मेंबर और अध्यक्ष की नियुक्ति की पूरी तरह जांच हो, जैसे हाईकोर्ट के जज की होती है। इस पूरे जंजाल को ध्वस्त करके नया सिस्टम खड़ा करना होगा।

उन्होंने कहा कि दूसरी मांग पेपर लीक से जिन बच्चों का नुकसान हुआ है, उन्हें उचित आर्थिक मुआवजा दिया जाना चाहिए और तीसरी वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच हो।

उन्होंने कहा कि अभी तक गांधीवादी तरीके से अपनी बात रख रहे थे और इसके तहत अपनी मांगों को लेकर चिट्ठियां लिखी, अनशन किया और जनसंघर्ष पद यात्रा निकाली। उन्होंने कहा कि इससे पहले हमारी मांग पर कोई कार्यवाही नहीं हुई लेकिन इस यात्रा के बाद उन्हें उम्मीद है कि अब कार्यवाही होगी, अगर अब भी कोई कार्यवाही नहीं होती है तो हम पुरजोर तरीके से पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे।

उन्होंने कहा" 'मैं किसी पद पर रहूं या ना रहूं। राजस्थान की जनता की सेवा करता रहूंगा। मैं डरने वाला नहीं हूं, दबने वाला नहीं हूं। आपके लिए लड़ा हूं और लड़ता रहूंगा।"

श्री पायलट ने कहा कि वसुंधरा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए अनशन रखा। उन्हें लगा कि हमें जनता के बीच जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जो बच्चे मेहनत करते हैं, लाखों रुपए खर्च करते हैं, किराए के मकान में रहते हैं और फिर पेपर लीक हो जाता है। इसकी जड़ तक जाना होगा। उन्होंने कहा कि कहा जा रहा है कि कानून अपना काम कर रहा है, अगर कान्त अपना काम कर रहा है तो भेदभाव नहीं होना चाहिए। मछली, छोटी हो या बड़ी, पकड़ना ही पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि पहले कहा गया कि पेपर लीक मामले में कोई अधिकारी एवं नेता शामिल नहीं है, जब जांच पूरी नहीं हुई तो पहले से कैसे कहा जा सकता है कि ये लोग इसमें शामिल नहीं है। अब कटारा को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि कटारा किसके कहने पर आरपीएससी के सदस्य बने, इसकी भी जांच की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह कहां की नीति है कि अपनी पार्टी के नेता को बदनाम करो, भाजपा के नेताओं का गुणगान करो। यह चलने वाला नहीं है। जो कुर्सी पर बैठता है, उसे न्याय करना पड़ेगा। पक्षपात करने का अधिकार नहीं है। अगर दूध का दूध और पानी का पानी नहीं होगा तो विरोधी पूछेंगे कि कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं है। उन्होंने कहा कि आजकल दूध और नींबू बहुत चल रहा है।

उन्होंने कहा कि किसी को गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। नौजवान के मन में यदि मायूसी आ गई तो देश का भविष्य बेहतर नहीं होगा। यह यात्रा किसी का विरोध करने के लिए नहीं बल्कि

युवाओं के दिल में आग जलाने एवं उनका संरक्षण करने के लिए निकाली है।

उन्होंने कहा "मैं भी बीस साल से राजनीति कर रहा हूं। बड़े-बड़े पद मिले। जनता और पार्टी मेरे काम करने के तरीके के बारे में जानती है। कोई विरोधी भी मुझ पर अंगुली नहीं उठा सकता। उन्होंने युवाओं के पैरों के छालों की कसम खाते हुए कहा कि वह अब पीछे हटने वाला नहीं है। जो भी कुर्बानी देनी होगी, देने को तैयार है। कोई दूध और नींबू की सफाई दे रहा है। कोई कह रहा है कि दस बार बात हुई, नहीं हुई। मैंने तो कहा ही नहीं कि मिलीभगत है। सिर्फ यह कह रहा हूं कि जो मांग रखी है वह पूरी कर दो।"

जोरा

वार्ता

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