नयी दिल्ली, 22 फरवरी (वार्ता) इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) को देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान के अनुपात के आधार पर पुनः दुनिया की शीर्ष 300 सहकारिताओं में पहला स्थान मिला है। भारत में उर्वरकों का उत्पादन करने वाली सहकारी क्षेत्र की यह विशाल कंपनी कारोबार के हिसाब से दुनिया की 72वीं सबसे बड़ी सहकारी इकाई बन गयी है।
इफको की एक विज्ञप्ति के अनुसार इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (आईसीए) और यूरोपियन रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑन कोऑपरेटिव एंड सोशल एंटरप्राइजेज के तत्वाधान में प्रकाशित वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर के 2023 संस्करण में इफको को 300 प्रमुख सहकारी संगठनाें की सूची में पुन: पहले स्थान पर रखा गया है। यह रैंकिंग संगठन के देश के प्रति व्यक्ति जीडीपी और उसके कारोबार के अनुपात पर आधारित है। इफको ने कहा है कि यह रैंकिंग दर्शाती हे कि भारत के जीडीपी और आर्थिक वृद्धि में उसका महत्वपूर्ण योगदान है। कुल कारोबार के हिसाब से इफको वैश्विक सूची में पिछले वित्तीय वर्ष के 97वें पायदान से ऊपर उठकर 72वें स्थान पर पहुंच गया है।
इफको के साथ कुल 35,500 सहकारी समितियों जुड़ी हैं, जिनमें 25,000 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (पैक्स) है। इफको देश भर में 52,400 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों का परिचालन करा रहा है।
देश की इस प्रमुख सहकारी कंपनी ने दुनिया में पहली बार नैनो यूरिया और नैनो डीएपी विकसित किया है। जिससे उर्वरक परिवहन की लागत में भारी बचत के अलावा उर्वरकों के उपयोग में कुशलता आयी है।
इफको जैव-उर्वरक, सागरिका जैसे जैव-उत्तेजक और कृषि-रसायन आदि के छिड़काव के लिए सहायक उपकरण और स्पेयर के साथ 2,500 कृषि ड्रोन खरीद रहा है। इफको ने कहा कि वह 5000 से अधिक ग्रामीण उद्यमियों को प्रशिक्षण देगा और 2500 कृषि ड्रोन का वितरण करेगा।
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा, “यह इफको और भारतीय सहकारिता आंदोलन के लिए गौरव का क्षण है। इफको में, हम किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखते हैं, ताकि देश भर के किसानों का विकास सुनिश्चित हो सके और सहकारिता आंदोलन को मजबूत किया जा सके। भारतीय किसानों द्वारा ‘इफको नैनो यूरिया तरल’ का जोरदार स्वागत किया गया है।”
समीक्षा, मनोहर
वार्ता