बेंगलुरु 20 जुलाई (वार्ता) कर्नाटक में बेंगलुरु की एक अदालत ने करोड़ों रुपये के ‘आई मॉनिटरी एडवाइजरी’(आईएमए) धोखाधड़ी मामले में समूह के संस्थापक और प्रबंध निदेशक मोहम्मद मंसूर खान को शनिवार को तीन दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)की हिरासत में भेज दिया।
शहर में आईएमए के बंद होने के बाद निवेशकों ने शिकायत दर्ज करायी थी। आईएमए में 40 हजार से अधिक निवेशकों ने करोड़ों रुपये का निवेश किया था। कंपनी के बंद होने के बाद मुख्य आरोपी खान आठ जून से फरार चल रहा था और शुक्रवार को दुबई से नयी दिल्ली आने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी को उसके खिलाफ वारंट मिलने के बाद आज उसे यहां लाया गया और मेडिकल परीक्षण कराये जाने के पश्चात उसे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और मजिस्ट्रेट ने उसे 23 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
घोटाले की जांच के लिए कर्नाटक सरकार की ओर से नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) ने भी आरोपी से पूछताछ के लिए उसे हिरासत में देने की मांग की थी, मजिस्ट्रेट ने हालांकि उसे ईडी की हिरासत में भेज दिया।
एसआईटी के अधिकारियों ने हाल ही में आईएमए के संस्थापक एवं आरोपी खान का दुबई में पता लगाया और उसे भारत लौटने और आत्मसमर्पण करने के लिए राजी किया। खान शुक्रवार रात एक बजकर 55 मिनट पर नयी दिल्ली पहुंचा तब वहां पहले से मौजूद ईडी और एसआईटी के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था।
उसने घोटाले में कुछ नेताओं और अधिकारियों की संलिप्तता काे उजागर करते हुए दुबई से वीडियो भेजे थे और कहा था कि वह भारत लौटने के लिए तैयार है और लोगों से ली गयी रकम को उच्च ब्याज दर पर लौटाने को भी राजी है।
अब तक एसआईटी और ईडी के अधिकारियों ने मामले में कांग्रेस के बागी विधायक रोशन बेग और राजनेता जमीर खान से भी पूछताछ की है। मंसूर खान ने अपने वीडियो में वरिष्ठ कांग्रेस नेता रहमान खान का भी नाम लिया था। खान के दावे के मुताबिक रोशन बेग ने उससे 400 करोड़ रुपये लिये हैं।
करोड़ों रुपये के इस पोंजी घाेटाला मामले में फंसने वाले लोगों ने मोहम्मद मंसूर खान के खिलाफ 40,000 से अधिक आपराधिक शिकायतें दर्ज कराई हैं।
मोहम्मद मंसूर खान रमजान के महीने में अपनी कंपनी आईएमए को बंद करने के बाद देश से भाग गया था। एसआईटी अधिकारियों ने दुबई में उसका पताा लगाने के बाद उसे भारत लौटने के लिए राजी कराया था और इसके लिए कागजात तैयार कराने में भी उसकी मदद की थी।
मंसूर खान पर जमाकर्ताओं के कम से कम 1410 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है। आईएमए ने 4000 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन किया था। अभी तक एसआईटी ने आईएमए और खान से संबंधित 209 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं।
एसआईटी ने इस घोटाले के संबंध में बेंगलुरु शहरी जिला उपायुक्त, उत्तरी सहायक आयुक्त, दो मौलवी, पोंजी आईएमए समूह के 12 निदेशकों के अलावा 20 अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
उप्रेती.श्रवण
वार्ता