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जरूरतमंदों की मंशानुसार योजनाओं का क्रियान्वयन जरूरी : कमलनाथ

जरूरतमंदों की मंशानुसार योजनाओं का क्रियान्वयन जरूरी : कमलनाथ

भोपाल, 18 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज राजधानी भोपाल में कन्वेंशन सेंटर में तीन दिवसीय आईएएस ऑफीसर्स मीट का शुभारंभ किया।

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जरूरतमंदों की मंशा के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना समय की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विविधता और अनेकता ही देश की शक्ति है। इसका संरक्षण वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है।

श्री कमलनाथ ने कहा कि तेजी से बदलते विश्व की चुनौतियों के साथ देश और प्रदेश का नव-निर्माण करना समय की माँग है। इसके अनुरूप ही हम सबको मिलकर, संकल्पित और समर्पित होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सेवा के स्वरूप में परिवर्तन के साथ-साथ आम जनता की अपेक्षाओं में भी बदलाव हुआ है। वैश्विक स्तर पर नाटो का स्वरूप बदला है। अब गुटनिरपेक्ष जैसे आंदोलनों की चर्चा नहीं होती। उन्होंने कहा कि देश ने इन परिवर्तनों को बखूबी अपनाया है। हमारे सामने चुनौती यह है कि हम वैश्विक बदलावों को कैसे देखते हैं, कैसे स्वीकार करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अधिकारियों के समक्ष सबसे बड़ा दायित्व नवीन परिवर्तनों के साथ देश और प्रदेश को आगे ले जाना है। सोचना होगा कि शासन में बदलाव और सुधार कैसे किया जाये। उन्होंने कहा कि इसी तथ्य पर प्रदेश के भविष्य का स्वरूप तय होगा।

मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा कि विश्व का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। इसके अनुसार ही हम भी बदल रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 में पहली बार उन्होंने लाल बहादुर प्रशासन अकादमी, मसूरी में उदबोधन दिया था। इसके 6-7 वर्ष बाद जब वे पुन: अकादमी में गये, तो उन्हें वहाँ संकाय, प्रशिक्षणार्थियों और विषय-वस्तु में बहुत परिवर्तन देखने को मिला। उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 मे अकादमी में तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी आदि विषयों पर कोई बात नहीं होती थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑफिसर्स मीट एक अच्छी पहल है। इससे वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों को अनौपारिक वातावरण में मिलने का अवसर मिलता है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती ने अधिकारियों से कहा कि दृष्टिकोण में बदलाव लाना होगा। वरिष्ठों के अनुभवों का लाभ कनिष्ठ अधिकारियों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक निर्णय जिला स्तर पर किये जायें।

गरिमा

वार्ता

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