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तमाम विषम परिस्थितियों में दीप्ति ने लक्ष्य पर साधा निशाना , बनी राष्ट्रीय चैंपियन

रांची, 14 अक्टूबर (वार्ता) झारखंड के रांची के जोन्हा की रहने वाली दिप्ति कुमारी ने जमशेदपुर में आयोजित 40वीं सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर पूरे देश में राज्य का नाम रौशन करने में सफलता हासिल की हैं।

इस प्रतियोगिता में विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली दीपिका कुमारी र्क्वाटर फाइनल में ही पंजाब की सहेजप्रीत कौर से हार कर बाहर हो गयी, जबकि दिप्ति ने सेमीफाइनल में सहेजप्रीत कौर को ही पराजित कर फाइनल में स्थान पक्का किया और फाइनल मुकाबले में जूनियर विश्व कप विजेता की स्वर्ण पदक विजेता कोमालिका को हराकर सभी को चौंका दिया।

जमशेदपुर के जेआरडी स्पोट्स ग्राउंड में आयोजित 40वीं सीनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप का खिताब जीत कर पूरे भारत में सनसनी फैलाने वाली दीप्ति कुमारी की कहानी भी कई अन्य खिलाड़ियों की तरह काफी संघर्षपूर्ण है। राष्ट्रीय चैंपियन बनने वाले दीप्ति के पिता केईनाथ महतो सवारी गाड़ी के ड्राइवर है और वे प्रतिदिन अपनी गाड़ी पर बैठा कर दिहाड़ी मजदूरों को जोन्हा से 40किमी दूर राजधानी लाने और ले जाने का काम करते है। दीप्ति की मां सोमती देवी गृहिणी है और वह बताती है जब उनकी बेटी ने 2013 में पहली बार धनुष खरीदने की जिद की, तो आसपास के लोगां और अन्य रिश्तेदारों से उधार लेकर अपनी बेटी के लिए बांस का तीर-धनुष खरीदा था।

वहीं दीप्ति के कोच रोहित कोइरी का कहना है कि वर्ष 2013 में वे जब खिलाड़ियों का चयन के लिए जोन्हा स्थित स्कूल पहुंचे, तो उस वक्त दीप्ति सातवीं कक्षा में पढ़ती थी। उसकी हाईट देखकर उसे तीरंदाजी की सलाह दी और दीप्ति ने काफी मन लगाकर प्रशिक्षण में अपना समय लगाया। सबसे पहले वर्ष 2016 में वह रांची में आयोजित नेशनल स्कूल अंडर 17 में एक गोल्ड और एक ब्रांज जीतने में सफल रही, वहीं उसी वर्ष नवंबर-दिसंबर में आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में अंडर 14 में 4 स्वर्ण और 1 रजत पदक जीती। इसके बाद 2017 में जमशेदपुर में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में भी 3 गोल्ड और 2 सिल्वर जीता। उसकी मेहनत को देखकर 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री और सिल्ली के विधायक सुदेश महतो ने दीप्ति को तीन-साढ़े लाख रुपये का रिकर्व तीर-धनुष उपलब्ध कराया और इसके बाद दीप्ति ने नेशनल और इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं को ध्यान में रखकर प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस साल आईटीबीपी में खेल कोटा से उसे नौकरी भी मिल गयी।

दीप्ति का कहना है कि इस प्रतियोगिता में कोमोलिका और दीपिका कुमारी जैसी खिलाड़ियों को पराजित कर पदक जीतने से उसका हौसला बढ़ा है और अब उसका लक्ष्य विश्व कप तीरंदाजी तथा ओलंपिक पदक हासिल करने का है।

दीप्ति की छोटी बहन लक्ष्मी कुमारी भी तीरंदाजी का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है और इसी वर्ष उसने इंडियन राउंड अंडर-9 में चैंपियनशिप का खिताब हासिल किया है। अब उसका सपना भी अपनी बड़ी बहन के लिए देश के लिए खेलना और स्वर्ण पदक जीतना है।

विनय राज

वार्ता

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