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बिहार में निवर्तमान सांसदों से भिड़ेंगे नवोदित प्रत्याशी

बिहार में निवर्तमान सांसदों से भिड़ेंगे नवोदित प्रत्याशी

पटना 02 अप्रैल (वार्ता) बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी महागठबंधन ने लोकसभा चुनावी रण में इस बार कई ऐसे नये उम्मीदवार उतारे हैं, जो निवर्तमान सांसदों से लोहा लेंगे।

राजग के घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाईटेड (जदयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) तथा महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में दिग्गज नेताओं के साथ कई नये चेहरों पर भरोसा जताया है। इनमें से कई प्रत्याशी ऐसे हैं, जिनका मुकाबला निवर्तमान सांसदों से होने जा रहा है।

कटिहार से जदयू ने राज्य के पूर्व मंत्री दुलालचंद गोस्वामी को पहली बार संसदीय चुनाव में प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला निर्वतमान सासंद कांग्रेस के तारिक अनवर से होगा। इस सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होगा। पिछले चुनाव राजद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था जबकि जदयू अलग थी। तब राजग में भाजपा के साथ लोजपा और रालोसपा की ताकत थी। राकांपा उम्मीदवार तारिक अनवर ने करीब एक लाख से भाजपा उम्मीदवार निखिल कुमार चौधरी को पराजित किया था। इस बार सियासी समीकरण बदल चुके हैं। श्री अनवर राकांपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए है जबकि जद यू राजग का हिस्सा है।

नाथनगर के विधायक अजय कुमार मंडल भागलपुर से जदयू की टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं और उनका मुकाबला राजद प्रत्याशी एवं निवर्तमान सांसद शैलेष कुमार उर्फ बुलो मंडल से होगा। भागलपुर सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को वोट डाले जायेंगे। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता सैयद शाहनवाज हुसैन चुनावी मैदान में थे और उन्हें बुलो मंडल ने रोमांचक मुकाबले में हराया था। भाजपा ने इस बार श्री हुसैन को पार्टी का प्रत्याशी नहीं बनाया है। गठबंधन के तहत राजग ने यह सीट जदयू को दी है।

जहानाबाद सीट से जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधान पार्षद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी प्रत्याशी बनाये गये हैं। वर्ष 2014 के चुनाव में रालोसपा के अरुण कुमार ने राजद के सुरेन्द्र प्रसाद यादव को पराजित किया था। रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से विवाद होने के बाद श्री कुमार इस बार अपनी राष्ट्रीय समता पार्टी से चुनाव लड़ने जा रहे हैं जबकि राजद ने एक बार फिर सुरेन्द्र प्रसाद यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है जिससे इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। वर्ष 2014 में डॉ. अरुण कुमार दूसरी बार जीतने में कामयाब रहे। जहानाबाद सीट पर 19 मई को सातवें और अंतिम चरण के लिए मतदान होंगे।

महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से राजद के दिग्गज नेता और पूर्व सासंद प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रणधीर सिंह पहली बार लोकसभा चुनाव के महासंग्राम में उतर रहे हैं। महाराजगंज को बिहार का चितौड़गढ़ भी कहा जाता है। भाजपा के जनार्दन सिंह सिगरीवाल ने 2014 के चुनाव में प्रभुनाथ सिंह को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था। प्रभुनाथ सिंह इस वक्त हत्या के मामले में सज़ा काट रहे हैं। इस सीट पर छठे चरण में 12 मई को वोट डाले जायेंगे।

वीआईपी के टिकट पर मुजफ्फरपुर संसदीय सीट से डॉ. राजभूषण चौधरी चुनावी समर में उतर रहे हैं, जिनका मुकाबला दिवंगत समाजवादी नेता कैप्टन जयनारायण निषाद के पुत्र और भाजपा के सासंद अजय निषाद से होगा। इस सीट पर पांचवें चरण में 06 मई को मतदान होगा। वर्ष 2014 में पहली बार मुजफ्फरपुर में भाजपा ने खाता खोला था। अजय निषाद ने कांग्रेस प्रत्याशी अखिलेश प्रसाद सिंह को दो लाख 22 हज़ार से ज्यादा वोटों से हराया। यदि 2004 को छोड़ दें तो कैप्टन निषाद 1998 से लगातार मुजफ्फरपुर से सांसद चुने जाते रहे। वर्ष 2004 में यहां से जॉर्ज फर्नांडीज़ ने जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जॉर्ज ने जनता पार्टी के टिकट पर 1977 और 1980 में इसी सीट से लोकसभा तक का सफर तय किया। वह 1989 और 1991 में जनता दल के टिकट पर सांसद चुने गये।

खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश साहनी पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट के लिये तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होना है। खगड़िया सीट से लोजपा के चौधरी महबूब अली कैसर निर्वतमान सांसद हैं। वर्ष 2014 के चुनाव में उन्होंने राजद की कृष्णा कुमारी यादव को 75 हजार से अधिक वोटों से हराकर यह सीट हासिल की थी।

बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से हम की टिकट पर अशोक कुमार आजाद पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं, जिनका मुकाबला जदयू प्रत्याशी और निवर्तमान सांसद कौशलेन्द्र कुमार से है। वर्ष 1999 से लगातार इस सीट पर जदयू के प्रत्याशियों का कब्जा रहा है। श्री नीतीश कुमार भी वर्ष 2004 में यहीं से जदयू की टिकट पर निर्वाचित हुये थे। नालंदा संसदीय सीट पर सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होगा।

औरंगाबाद सीट से हम की टिकट पर उपेन्द्र प्रसाद पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला भाजपा के निवर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह से होगा। इस सीट पर पहले चरण में 11 अप्रैल को वोट डाले जायेंगे। औरंगाबाद की सियासत में कांग्रेस का दबदबा रहा है। कांग्रेस के प्रत्याशी यहां से सात बार विजयी रहे है लेकिन इस बार समझौते में यह सीट महागठबंधन के घटक हम को मिली है ।

प्रेम जय आशा

वार्ता

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