रांची, 18 अक्टूबर (वार्ता) झारखंड में पलामू प्रमंडल के किसान अधिक उत्पादन तथा स्वाद एवं सेहत के गुणों से भरपूर फसलों की खेती पर जोर दे रहें हैं।
वहीं वैकल्पिक व संभावनाओं की खेती कर अधिक मुनाफा कमाने में जूटे हैं, जो दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गये हैं। हम बात कर रहे हैं काला धान उत्पादन कर रहे किसानों की। पलामू प्रमंडल में इस वर्ष काला धान की खेती का विशेष चर्चा है। जिन लोगों ने काला धान को अबतक नहीं देखा या सुना है, उनके लिए कौतूहल का विषय भी बना है। आम किसान के साथ-साथ दूसरें जगह के लोग भी काला धान की खेती को देखने आ रहे हैं। किसान की मेहनत, उनकी लगन और कुछ इनोवेटिव करने की चाहत से पलामू प्रमंडल के अलग-अलग जगहों पर 22 एकड़ की भूमि पर काला धान की खेती लहलहा रही है। इसमें गढ़वा जिले के श्री बंशीधर नगर के गांव में 2 एकड़ एवं पलामू जिले के हुसैनाबाद के गांवों में 20 एकड़ की भूमि पर काला धान की खेती की गयी है।
गढ़वा जिले के श्री बंशीधर नगर प्रखंड के पाल्हे कला गांव निवासी सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक एवं प्रगतिशील किसान हृदय नाथ चौबे एवं रवीन्द्र नाथ चौबे ने दो एकड़ भूमि पर काला धान की खेती की है। दोनों किसानों ने काला धान की दो प्रजाति चाक हाव एवं कलावंती की खेती की है। एक प्रजाति जिसका पौधा हरा और उसकी बालियां काली है, जबकि दूसरी प्रजाति के पौधे भी काला एवं उसकी बालियां भी काली है। धान की फसल दूसरे किसानों को उत्साहित कर रहा है। काला धान की खेती देख कृषि विभाग एवं आत्मा के लोग भी काफी उत्साहित हैं। आत्मा गढ़वा के तकनीकी विशेषज्ञ दयानंद पाण्डेय एवं आत्मा की टीम शुरुआत से ही इसकी खेती के लिए किसान को प्रोत्साहित कर रहे हैं। साथ-ही-साथ इस खेती से जुड़े लोग मार्गदर्शन भी दे रहे हैं। कई अधिकारी व विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले लोग भी उत्सुकता वश काला धान की खेती देखने पहुंच रहे हैं।
विनय
जारी वार्ता