भारतPosted at: Nov 20 2018 7:47PM सिख दंगों के एक मामले में एक को फांसी, दूसरे को आजीवन कारावास. 35..35 लाख रुपए जुर्माना
नयी दिल्ली 20 नवंबर (वार्ता) पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 30 अक्टूबर 1984 को अंगरक्षकों के हत्या किए जाने के बाद दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में भड़के सिख विरोधी दंगों के मामलों में 34 वर्ष की लंबी अवधि के उपरांत एक मामले में फैसला सुनाया गया।
पटियाला हाउस अदालत ने महिपालपुर में दो सिख युवकों की हत्या के मामले में मंगलवार को दोषी यशपाल सिंह को फांसी और दूसरे दोषी नरेश सहरावत को उम्र कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोनों पर 35-35 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने 14 नवंबर को दोनों को हत्या, हत्या की कोशिश, लूटपाट, आगजनी और अन्य घाराओं में दोषी करार दिया था। इस मामले पर पहले 15 नवंबर को फैसला सुनाया जाना था लेकिन अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद 20 नवंबर के लिए निर्णय सुरक्षित रख लिया था। पंद्रह नवंबर को अदालत के बाहर दोषियों के साथ धक्का-मुक्की हुई थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडेय ने कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखकर अदालत की बजाय उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल में दोनों को सजा सुनाई। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए फैसला सुनाने से अदालत परिसर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए थे।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों में महिपालपुर में एक नवंबर 1984 को दो युवकों हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या का दोषी करार दिया था।
1984 के दंगों की जांच को 2015 में विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपा गया था। इसके बाद इन दंगों से जुड़े मामले में यह पहला निर्णय आया है। एसआईटी ने दोनों दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी। एसआईटी की दलील थी कि यह अपराध सिख समुदाय के खिलाफ हुए नरसंहार का हिस्सा है।
मृतक हरदेव सिंह के भाई संतोख सिंह ने न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष एक हलफनामा दायर कर शिकायत की थी। वर्ष 1993 में वसंत कुंज थाने में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। दिल्ली पुलिस हालांकि साक्ष्य के अभाव में 1994 में इस मामले को बंद कर चुकी थी। बाद में एसआईटी ने जांच शुरू की और आज मामले का निर्णय आया। एसआईटी ने इस मामले में अपना आरोप पत्र पिछले साल जनवरी में दायर किया था।
सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस के कई नेताओं पर मामले चल रह रहे हैं। पिछले सप्ताह एक मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सज्जन कुमार को एक गवाह ने पहचाना है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सिख विरोधी दंगों में देशभर में 2800 लोग मारे गए थे। इसमें से 2100 लोग केवल दिल्ली में ही मारे गए थे।
मिश्रा.श्रवण
वार्ता