Saturday, Apr 20 2024 | Time 06:26 Hrs(IST)
image
राज्य » राजस्थान


मंत्रिमंडल की बैठक में प्रशासन गांवों और शहरों की ओर अभियान को प्रभावी बनाने के साथ ही आमजन के लिए किए कई फैसले

मंत्रिमंडल की बैठक में प्रशासन गांवों और शहरों की ओर अभियान को प्रभावी बनाने के साथ ही आमजन के लिए किए कई फैसले

जयपुर 22 सितम्बर (वार्ता) राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आज आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में आमजन को राहत देने के लिए पर्यटन, राजस्व, किसान कल्याण, उच्च शिक्षा के साथ ही विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

राज्य मंत्रिपरिषद ने दो अक्टूबर से प्रारंभ होने जा रहे प्रशासन शहरों के संग तथा प्रशासन गांवों के संग अभियान-2021 के माध्यम से प्रदेश के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की पट्टे, पेंशन, विभिन्न प्रमाण पत्रों सहित अन्य समस्याओं के निराकरण तथा इसके माध्यम से लाखों नागरिकों को राहत देने के संबंध में भी चर्चा की।

मंत्रिपरिषद ने प्रशासन शहरों के संग एवं प्रशासन गांवों के संग अभियान- 2021 के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में निर्णय लिया गया कि अभियान के तहत दो अक्टूबर को आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सभी मंत्रिगण उपस्थित रहेंगे। सभी मंत्रिगण चार अक्टूबर को अपने विधानसभा क्षेत्रों में तथा पांच,छह एवं सात अक्टूबर को अपने प्रभार वाले जिलों में आयोजित ब्लॉक स्तरीय शिविरों का निरीक्षण करेंगे।

बैठक में कृषक कल्याण कोष के लिए 500 करोड़ का अतिरिक्त दीर्घकालिक ऋण मंत्रिमण्डल ने कृषकों के कल्याण की विभिन्न योजनाओं के संचालन के लिए गठित कृषक कल्याण कोष में समुचित राशि की उपलब्धता के लिए बैंक ऑफ इण्डिया से 500 करोड़ रूपए का अतिरिक्त दीर्घकालिक ऋण लेने की मंजूरी दी है। यह ऋण राज्य सरकार की प्रत्याभूति पर लिया जाएगा। इससे राज्य में कृषकों की आय में वृद्धि एवं उनके कल्याण से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम संपादित किए जा सकेंगे।

मंत्रिपरिषद ने राजस्थान मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम 1996 में संशोधन का अनुमोदन किया है। मंत्रिमण्डल के इस निर्णय से मृत सरकारी कर्मचारी के आश्रित के रूप में तलाकशुदा पुत्री तथा अविवाहित राज्य कर्मचारी की मृत्यु होने की स्थिति में उसके माता पिता अथवा अविवाहित भाई या बहिन तथा कोई भी आश्रित नहीं होने की स्थिति में विवाहित पुत्री को भी सम्मिलित किया गया है। इस प्रावधान से राज्य सरकार द्वारा सरकारी कार्मिक की मृत्यु की स्थिति में उसके आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान कर आश्रित परिवार को राहत दी जा सकेगी। वर्तमान अनुकम्पा नियुक्ति नियमों में अब तक मृत कार्मिक के आश्रित के रूप में पति, पत्नी, पुत्र, अविवाहित या विधवा पुत्री, दत्तक पुत्र या दत्तक अविवाहित पुत्री को ही पात्र माना गया है।

बैठक में राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम 2008 में संशोधन का अनुमोदन किया गया। इस निर्णय से राजकीय सेवा में पहले से नियुक्त कार्मिक की सीधी

भर्ती से अन्य पद पर नियुक्ति होने तथा प्रोबेशनर ट्रेनी अवधि में पूर्व पद का वेतन लिए जाने का विकल्प देने की स्थिति में नए पद पर सीधी भर्ती से नियुक्त अन्य समकक्ष कार्मिक के समान वेतन दिया जा सकेगा।

कैबिनेट ने राजस्थान चतुर्थ श्रेणी सेवा (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्ते) नियम - 1999 में संशोधन का अनुमोदन किया है। इस निर्णय से 10 अप्रैल, 2006 को 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके अनियमित कार्मिकों की स्क्रीनिंग के लिए गठित कमेटी की कार्यवाही समयबद्ध रूप से पूरी की जा सकेगी।

मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (अंशदायी पेंशन) नियम 2005 को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डवलपमेंट आथॉरिटी (पीएफआरडीए) एक्ट 2013 के दायरे में लाने के लिए अधिसूचना जारी करने की मंजूरी दी है। इससे राज्य सरकार के वे सभी कर्मचारी जिनपर नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू है, पीएफआरडीए एक्ट-2013 से लाभांवित हो सकेंगे।

पारीक रामसिंह

वार्ता

image