बीकानेर, 06 फरवरी (वार्ता) मशहूर हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा ने जातीय संकीर्णता को देश के लिए अशुभ बताते हुए कहा है कि सभी जातियां साथ होगी तभी देश का विकास होगा।
कवि सम्मेलन में भाग लेने आये ब्राह्मण समाज के वैश्विक संगठन विप्र फाउण्डेशन के संरक्षक श्री शर्मा ने मंगलवार रात कहा कि जातीय संकीर्णता जिस प्रकार देश में हावी हो रही है यह राष्ट्र के लिए अशुभ है और विप्र फाउण्डेशन इसका प्रतिवाद करता है। हम समरस समाज की वकालत करते हैं, सभी जातियां साथ होंगी तभी देश का विकास होगा और भारत फिर से सोने की चिडिय़ा बनेगा।
उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि वे संदेश देने वाले लोगों से बचें, युवाओं को अपना निर्णय स्वयं लेना चाहिए। उन्होंने कवि सम्मेलन की उपयोगिता, प्रासंगिकता को सकारात्मक एवं वर्तमान दौर के लोगों के लिये मानसिक रूप से स्वस्थ मनोरंजन के बेहतर विकल्प के रूप में बताया।
श्री शर्मा ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर दिए गए आरक्षण बिल से संबंधित सवाल के जवाब में कहा कि निश्चित रूप से देश के समरस नागरिकों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने पर ब्राह्मण समाज में खुशी की लहर है। उन्होंने कहा समानता के पक्षधर विप्र समाज की अनेक संस्थाओं एवं कार्यकर्ताओं ने आर्थिक आधार पर आरक्षण की जो लंबी लड़ाई लड़ी, यह उसी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि विप्र फाउण्डेशन की तो मांग पन्द्रह फीसदी की थी यदि ऐसा होता तो गरीब, पिछड़े एवं योग्य लोगों को समुचित अवसर मिल पाते।
उन्होंने कहा कि टीवी चैनल्स पर कवि सम्मेलन के रूप में दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों में कविताएं नहीं होती। उन्होंने कहा कि यदि कैबरे डांसर की लोकप्रियता है तो इसका मतलब यह नहीं कि शास्त्रीय संगीत की लोकप्रियता खत्म हो गई है। उन्होंने बच्चों में हिंदी के प्रति जागरूकता के लिए आंदोलन चलाने की जरूरत भी बताई।