भोपाल, 28 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि मुख्य तकनीकी परीक्षक गंभीर प्रकरण में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करें।
श्री सिंह ने आज यहां मंत्रालय कक्ष में मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने संगठन को और अधिक प्रभावशाली बनाने को कहा। जन-प्रतिनिधि एवं सामान्यजन को संगठन की कार्य-प्रणाली का ज्ञान हो एवं संगठन को प्रभावी कार्यवाही एवं गम्भीर प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार दिया जाए। बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि किसी भी कार्य के प्रकरण मुख्य तकनीकी परीक्षक के समक्ष लम्बित रहते हुए अंतिम देयक एवं सुरक्षा निधि का निराकरण न किया जाए।
उन्होंने लम्बित आर.आर.सी प्रकरणों की संख्या की जानकारी लेकर उन्हें मुख्य सचिव की साधिकार समिति के समक्ष रखने को कहा। विभागों के प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता द्वारा ली जाने वाली बैठकों एवं परख कार्यक्रम में भी मुख्य तकनीकी परीक्षक के प्रकरणों के निराकरण के कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। संगठन में तकनीकी अधिकारियों की कमी के संबंध में मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा दिए गए प्रस्ताव से सहमत होते हुए अधीक्षण यंत्री की अनुभव अवधि कम करने एवं प्रतिनियुक्ति के प्रस्तावों पर शीघ्र निर्णय लिए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही प्रतिनियुक्ति की शर्तों को सरल करने एवं विशेष वेतन दिए जाने के प्रस्ताव पर सहमति दी गई।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पी.सी. मीणा एवं सी.पी. अग्रवाल, मुख्य तकनीकी परीक्षक और मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) संगठन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में मुख्य तकनीकी परीक्षक ने संगठन के गठन, उद्देश्य एवं कार्य-प्रणाली से अवगत कराया। बैठक में संगठन में कार्यरत कर्मचारियों एवं रिक्त पदों की जानकारी, लम्बित प्रकरणों का विवरण, आर.आर.सी. द्वारा वसूली के प्रकरण तथा वर्ष 2018-19 की अवधि में संगठन की प्रगति का विवरण भी प्रस्तुत किया गया।
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