लखनऊ, 01 अक्टूबर (वार्ता) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जनविरोधी नीतियों के विरोध में 11-सूत्रीय मांगो को लेकर सभी तहसीलों पर धरना-प्रदर्शन किया।
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बढ़ती मंहगाई, भ्रष्टाचार, किसानों की बदहाली, नौजवानों की बेरोजगारी, ध्वस्त कानून व्यवस्था तथा पूर्व मंत्री एवं सांसद मोहम्मद आजम खां और उनके परिवार के विरूद्ध बदले की कार्रवाई आदि सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में प्रदेश भर में कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन कर भाजपा सरकार के बहरे कानों तक अपनी आवाज जोरदार ढंग से पहुंचाई है। पार्टी कार्यकर्ता और नेता कई स्थान पर बरसते पानी की भी परवाह न कर धरना स्थल पर डटे रहे।
उन्होंने बताया कि तहसील स्तर पर धरने में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सरकारी राहत कार्य न होने और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों की निःशुल्क प्रक्रिया एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था बहाली के मुद्दे को भी मांग पत्र में शामिल कर लिया गया है।
आज का धरना कार्यक्रम शांतिपूर्ण एवं बड़ी संख्या में जनभागीदारी के साथ सम्पन्न हुआ। हर जगह हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं, नेताओं, पदाधिकारियों ने धरना में भाग लिया। कार्यक्रम में महिलाएं, अल्पसंख्यक एवं नौजवान बड़ी संख्या में मौजूद रहे। किसानो, छात्रों और शिक्षकों ने भी धरना-प्रदर्शन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। धरना कार्यक्रम में 11 सूत्री मांगे निम्नलिखित रही।
श्री चौधरी ने कहा कि सपा ने नौ अगस्त को प्रदेश की अनेक जनसमस्याओं को लेकर जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण धरना देकर प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित किया था,लेकिन राज्य सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी। किसी भी जन समस्या का समाधान करने के बजाय 01 सितम्बर से बिजली दरों में भारी वृद्धि कर दी गई। ऐसी स्थिति में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्णय के अनुसार आज प्रदेश की सभी तहसील मुख्यालय पर पार्टी द्वारा विशाल धरना दिया गया।
उन्होंने बतायाक 11 सूत्रीय मांगों में कमरतोड़ मंहगाई (पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, विद्युत दरों में बेतहाशा वृद्धि आदि के अलावा किसानों की समस्यायें , बेरोजगारी,प्रदेश की कानून व्यवस्था ,सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न, विशेष वर्गो में हत्या की घटनाएं बढ़ी हैं, भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य सेवायें ठप्प,जौहर विश्वविद्यालय में राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा अत्याचार तत्काल बन्द हो। आजम खां पर लगे फर्जी मुकदमे समाप्त किये जाएं। विधायक अब्दुल्ला आजम खां का उत्पीड़न कार्रवाई पर रोक के अलावा शाहजहांपुर में विधि छात्रा के यौन उत्पीड़न,अल्पसंख्यकों पर फर्जी मुकदमें और उनका फर्जी एनकाउन्टर आदि मांग हैं।
श्री चौधरी ने बतायाक धरना-प्रदर्शन के कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार का सबका विकास, सबका साथ व सबका विश्वास का नारा खोखला साबित हो गया है। लोकसभा चुनाव तक जनता को गुमराह किया जाता रहा लेकिन चुनाव के बाद ही पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि, यातायात नियमों के नाम पर जुर्माना में कमरतोड़ वृद्धि, खाद्यान्न वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि, किसानों को खाद-बीज की किल्लत, अपराधो में बेतहाशा वृद्धि आदि से जनता त्रस्त हो गई है। औद्योगिक समिट के नाम पर बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने का झूठा वादा कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। भाजपा सरकार केवल राजनीतिक एजेण्डा साधने एवं विकास के नाम पर झूठा प्रचार करने में व्यस्त हैं।
त्यागी
वार्ता