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ग्रामीण क्षेत्र में इस्पात की खपत बढ़ने से सबके होगा लाभ: प्रधान

ग्रामीण क्षेत्र में इस्पात की खपत बढ़ने से सबके होगा लाभ: प्रधान

नयी दिल्ली ,20 अक्टूबर (वार्ता) केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में इस्पात की खपत बढ़ने का फायदा सिर्फ स्टील उद्योग को नहीं होगा बल्कि इससे रोजगार के नये अवसर बढ़ेंगे, आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और राजस्व भी बढ़ेगा ।

श्री प्रधान ने मंगलवार को आयोजित एक वेबिनार में गांवों के विकास और उनकी संपन्नता में भारतीय स्टील क्षेत्र की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष का फंड बैंकों के माध्यम से खर्च होना शुरू हो गया है। इसी वित्तीय वर्ष से यह खर्च शुरू हो गया है। कई क्षेत्रों को प्राथमिकता क्षेत्र में लाया गया है। केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि अधिकतर क्षेत्र आपस में जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में स्टील की मांग को प्राेत्साहित करने अत्यधिक अवसर हैं। हाल में घोषित कृषि अवसंरचना कोष, 5,000 से अधिक कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की स्थापना और अन्य कई सरकारी पहलों के तहत शुरू की गयी परियोजनाओं में इस्पात का इस्तेमाल अधिक है। आने वाले चार-पांच साल में 1,500 करोड़ मीट्रिक टन सीबीजी बनानी की योजना है। लाखों करोड़ रुपये का वित्तीय निवेश इस मद में होना है। विश्व बैंक ने हाल में सीबीजी को प्राथमिका क्षेत्र की श्रेणी में शामिल किया है। सरकार ने चावल से इथोनॉल बनाने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए कई सारे संयंत्र बनें और इन सभी में इस्पात की खपत होगी।

श्री प्रधान ने कहा कि वर्ष 2022 तक सबके लिए आवास बनाने की योजना है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क पर जोर दिया जा रहा है। रेलवे में निजी उद्योग आ रहा है। कृषि में पहली बार बड़े पैमाने पर कांट्रैक्ट खेती में निवेश होने की योजना बना ली गयी है। इन सभी महत्वाकांक्षी योजना के कारण प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत बढ़ेगी। इस्पात की खपत बढ़ने से पहली बार पूंजी अधिक लगेगी लेकिन इससे सभी का फायदा होने वाला है। इससे स्टील उद्योग को लाभ होने वाला है। रोजगार बढ़ने वाला है। राजस्व बढ़ने वाला है। कृषि के व्यवसायिकरण की ओर ये बड़ा कदम होगा।

उन्होंने उद्योग जगत से अपील की कि वे ग्रामीण क्षेत्र की इस्पात जरूरतों को पूरा करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार करें। श्री प्रधान ने कहा,“ हमारा ध्यान ग्रामीण भारत में इस्पात का इस्तेमाल बढ़ाने पर केंद्रित है, जिससे प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत बढ़ेगी और नये रोजगारों का सृजन होगा तथा आत्मनिर्भरता के नये रास्ते खुलेंगे।”

उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) से कहा कि वह एक माह के अंदर इस्पात मंत्रालय तथा अन्य संबद्ध मंत्रालयों के साथ मिलकर उनके समक्ष एक रिपोर्ट पेश करे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कई मंत्रालयों के साथ इससे पहले हुए बेविनार के दौरान कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा हुई। सीआईआई पूर्व में हुए वेबिनार की कार्यवाही रिपोर्ट का क्या निष्कर्ष निकला, इस पर एक रिपोर्ट पेश करे। उन्होंने कहा कि इन सभी बातों का एक ही लक्ष्य है कि प्रति व्यक्ति इस्पात खपत को बढ़ाना है।

अर्चना जितेन्द्र

वार्ता

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