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इक्कीसवीं सदी का नेतृत्व करने की क्षमता भारत में : ज्योतिरादित्य

इक्कीसवीं सदी का नेतृत्व करने की क्षमता भारत में : ज्योतिरादित्य

पुणे 02 सितंबर (वार्ता) केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि भारत में 21वीं सदी का नेतृत्व करने की क्षमता है।

श्री सिंधिया ने आज यहां सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित व्याख्यान श्रृंखला 'फेस्टिवल ऑफ थिंकर' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा , “मेरा उद्देश्य सार्वजनिक समाज सेवा करना है न कि राजनीति करना, बल्कि राजनीति वह माध्यम है जिसके जरिए मैं समाज सेवा कर सकता हूं।”

अपने संबोधन में छात्रों को नेतृत्व के बारे में बहुमूल्य सलाह देते हुए उन्होंने कहा , “ एक अच्छे नेता में कुछ गुण होने चाहिए जो उसे एक अच्छा नेता बनाते हैं। उसके पास एक ‘विजन’, एक लक्ष्य निर्धारित करने की क्षमता और उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक दिशा स्थापित करने की क्षमता होनी चाहिए। उसके पास साहस और प्रतिबद्धता होनी चाहिए, और यह आपके दिल से होनी चाहिए। एक अच्छे नेता को आशावादी होना चाहिए। नेतृत्व बहुलता के बारे में एक अच्छे नेता को अपने भीतर टीम भावना को संतुलित करना सीखना चाहिए। याद रखें कि संघर्ष के बिना प्रगति हासिल नहीं की जा सकती। विचारों का टकराव, हितों का टकराव, आकांक्षाओं का टकराव। असफलता सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अपनी असफलता से सीखें और आगे बढ़ें।”

श्री सिंधिया ने देश में शिक्षण पद्धति के संदर्भ में कहा “ अध्यापन महत्वपूर्ण है, लेकिन सीखने की प्रक्रिया में अनुभवात्मक शिक्षण अधिक महत्वपूर्ण है। स्नातक होने के बाद आपका जीवन शुरू होता है, इसलिए अपने जीवन की इस सीखने की अवधि का अधिकतम उपयोग करें। जब आप पढ़ाई कर रहे हों तो अधिक से अधिक इंटर्नशिप करें, अधिक से अधिक अनुभव इकट्ठा करें जो भविष्य में आपकी मदद करेंगे।”

देश में नागरिक उड्डयन के बारे में उन्होंने कहा “ देश में नागरिक उड्डयन की संभावनाएं बहुत बड़ी हैं। ट्रेनिंग स्कूलों की संख्या बढ़ी है और आधे साल में हमने देश में नौ फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल शुरू किए हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्यों के 22 मुख्यमंत्रियों को एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) पर वैट कम करने के लिए लिखा है और उनसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है तथा इससे निश्चित तौर पर एविएशन इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।

अशोक

वार्ता

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