मैंडले, 07 अप्रैल, (वार्ता) भारतीय महिला सीनियर राष्ट्रीय फुटबॉल टीम नौ अप्रैल को म्यांमार के खिलाफ ग्रुप चरण के आखिरी लीग मैच में ‘करो या मरो’ की स्थिति में उतरेगी।
म्यांमार के साथ निर्णायक मुकाबले को लेकर कप्तान आशालता ने माना कि टीम के लिये स्थिति मुश्किल है लेकिन स्थिति आसान होगी इसका भी कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा,“ मेजबान टीम के खिलाफ खेलना हमेशा मुश्किल होता है। जब आप यह सोचकर खेलते हैं कि यह निर्णायक मुकाबला है तो स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है लेकिन हमने इस मुकाबले के लिए काफी लंबे समय तक इंतजार किया है। हम मुकाबले में कड़ी चुनौती पेश करेंगे। टीम सकारात्मक है। मैच कठिन होगा लेकिन आसान होना कोई विकल्प नहीं है”
उन्होंने कहा कि म्यांमार एशिया की बेहतरीन टीमों मे से एक है लेकिन हर टीम की तरह उनकी भी ताकत और कमजोरी है। हम इस मैच में अपनी ताकत और उनकी कमजोरी के साथ खेलेंगे। भारत म्यांमार के हाथों अपने पिछले दोनों मैच हार चुका है।
आशालता ने कहा,“ पिछले दोनों मैचों में मामला काफी करीबी था लेकिन यह हमारे लिए मनोबल बढ़ाने का काम करेगा। मैच में कुछ भी संभव है। हमने अपने 14 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में इसका इंतजार किया है और हम म्यांमार के खिलाफ मैच को लिए पूरी तरह तैयार है।”
टीम के क्वालिफाइंग राउंड 2 से राउंड 3 पर पहुंचने की संभावनाओं पर उन्होंने कहा,“ हमने यंगून में ओलंपिक क्वालीफायर राउंड 1 खेला था और अब हम मांडले में राउंड 2 खेल रहे हैं। राउंड - 1 में खेलने के बाद आत्मविश्वास बढ़ गया है और हमें राउंड - 2 जीतने का भरोसा है। टीम ने एशिया की बेहतरीन टीमों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया है और हमने यही प्रदर्शन हीरो गोल्ड कप या तुर्की महिला कप तथा एसएएफएफ में भी दिखाया है।”
युवा खिलाड़ियों के टीम में चयन पर आशालता ने कहा कि युवा खिलाड़ी मैच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सिर्फ मैदान के बाहर ही नहीं बल्कि मैदान के अंदर भी। उनके खेल में परिपक्वता है। उन्होंने कहा,“हमारी टीम युवा खिलाड़ियों की है और यह युवा खिलाड़ी मैच में कुछ भी कर सकते हैं, उनकी ऊर्जा मैच में जान डाल देती है।”