नयी दिल्ली, 04 जुलाई (वार्ता) भारत ने अमेरिकी जांच एजेंसी के भगोड़े माफिया डान दाउद इब्राहिम के पाकिस्तान में होने के दावे का समर्थन करते हुए गुरुवार को कहा कि हर कोई जानता है कि दाउद कहां है लेकिन पाकिस्तान लगातार दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा, “दाऊद इब्राहिम कहां छिपा है, यह तथ्य हर कोई जानता है। हर साल भारत पाकिस्तान को एक सूची सौंपता है जिसमें ऐसे अपराधियों का नाम होता है जो भारत में वांछित हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान से हर बार कहता है कि ऐसे तत्वों को भारत को वापस सौंप दे या उन्हें प्रतिबंधित करे। दाऊद की मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट में भूमिका बेहद साफ है और भारतीय मीडिया उससे बात करने में भी कामयाब रहा है। भारत की मांग है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आंतकवादियों को पाकिस्तान को हर हाल में भारत को सौंप देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह बेहद साफ है कि आतंकवादियों के संबंध पाकिस्तान के साथ हैं। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहता है कि वह आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं करता है। पाकिस्तान के नियंत्रण वाली जमीन पर आतंकवादी पल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की जब भी मांग करता है तो पाकिस्तान भारत की बात को नजरअंदाज कर देता है या अस्वीकार कर देता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भले ही आतंकवादियों की मौजूदगी से इन्कार करे लेकिन सच्चाई है कि पाकिस्तानी जमीन पर आज भी आतंकवादी पल रहे हैं जो वैश्विक समुदाय के लिए भी चिंताजनक हैं। पाकिस्तान की यह स्थिति उसके दोहरेपन को दिखाती है।
लश्करे तैयबा के सरगना हाफिज सईद के बारे में श्री कुमार ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों के विरुद्ध कदम उठाने का दावा करता है लेकिन कोई ठोस कदम नहीं बल्कि दिखावे की कार्रवाई करके अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धोखा देने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को दिखाना होगा कि उसने ठोस, सत्यापन योग्य और स्थायी कार्रवाई की है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने भी लंदन की एक अदालत में दावा किया है कि दाउद इब्राहिम पाकिस्तान के कराची में है और वहीं से अपने अपराध का नेटवर्क को चला रहा है। एफबीआई ने दाऊद के खास सहयोगी जाबिर मोतीवाला को लंदन से अमेरिका ले जाकर पूछताछ करने की अनुमति दिये जाने को लेकर लंदन की अदालत में अपील की है। एफबीआई ने मोतीवाला को लंदन में 2018 में पकड़ा था। उस पर नशीले पदार्थों की तस्करी, काले धन को सफेद करने, रंगदारी उगाहने और आतंकवाद के लिए पैसे जुटाने जैसे आरोप हैं।
सचिन.श्रवण
वार्ता