नयी दिल्ली, 13 जनवरी (वार्ता) जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर भारत को अपनी दक्षता हर क्षेत्र में प्रदर्शित करने और वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ बनाने का यह उपयुक्त समय है।
श्री कांत ने यहां पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पाफी)की ओर से आयोजित तीसरे वार्षिक लेक्चर में ‘रोल ऑफ बिजनेस इन जी20’ विषय पर कहा कि विश्व के कई देश इस समय आर्थिक, महंगाई, भू-राजनीतिक,ऊर्जा, वैश्विक कर्ज, युद्ध, कोरोना संक्रमण के बाद उपजे संकट का सामना कर रहे हैं, वैश्विक आर्थिक संस्थायें दुनिया में मंदी का अनुमान जता रही हैं, ऐसी स्थिति में भारत को विभिन्न क्षेत्रों में हासिल की गयी अपनी महारत का पूरा लाभ उठाना चाहिए और वैश्विक पटल अपनी स्थिति मजबूत कर लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत है और इसके आगे और सुदृढ़ होने के लगातार संकेत हैं, ऐसे में भारत को वैश्विक बाजार पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अपनी सेवाओं और उत्पादों को इतना उत्कृष्ट बनाना चाहिए कि वे वैश्विक पटल पर छा जायें। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उन्हीं देशों का भविष्य उज्जवल रहेगा जो निर्यात करने में अग्रणी रहेंगे, इसके लिए अपने उत्पादों को सर्वोत्तम ही रखने के निरंतर प्रयास करने होंगे। इस स्थिति में भारत अपने लिए बाजार का विस्तार कर सकता है। भारत डिजिटल पेमेन्ट में अग्रणी देश है। कई विकसित देशों की तुलना में यहां डिजिटल पेमेंट के कई माध्यम है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महिलाओं के नेतृत्व में विकास कार्य किये जाने पर बल देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें कुपोषण समस्या को खत्म करना होगा, महिलाओं के स्वास्थ्य का खास खयाल रखना होगा। गर्भवती महिलाओं की बेहतर देखभाल करनी होगी, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करके उन्हें आधुनिक करना होगा और वित्तीय समावेशन पर जोर देना होगा।
श्री कांत ने जी20 से जुड़े कार्यक्रमों के बारे में कहा कि देश के 56 शहरों में 215 कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगेे, इस दौरान प्रत्येक राज्य को अपने व्यापार के विस्तार का अवसर मिलेगा। पर्यटन, सांस्कृतिक, हस्तकला और सॉफ्ट पावर के क्षेत्र में राज्य अपने व्यापार का विस्तार कर सकेंगे।
उन्होंने चार डी पर जोर देते हुए कहा,“ जनसांख्यकीय, डिजिटाइजेशन, डिकार्बनाइजेशन और डि-ग्लोबलाइजेशन सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। भारतीय व्यवसाय को इस पर ध्यान केन्द्रित करते हुए स्थितियों का लाभ उठाना चाहिए।
श्रवण मनोहर
वार्ता