नयी दिल्ली 30 जनवरी (वार्ता) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत-अमेरिका सहयोग नियम-आधारित विश्व व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए काम करेगा।
श्री सिंह ने मंगलवार को यहां इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स सम्मेलन में कहा,“ अमेरिकी पूंजी और तकनीकी जानकारी भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद कर सकती है वहीं, भारत निवेश करने वाली अमेरिकी कंपनियों के लिए जोखिम कम करने और उच्च रिटर्न प्रदान करने का एक माध्यम हो सकता है”
रक्षा मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता का मतलब वैश्विक व्यवस्था से कट जाना नहीं है बल्कि यह साझा सुरक्षा तथा समृद्धि के लिए मित्र देशों के साथ सहयोग पर आधारित है।
श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि सरकार ने मजबूत और आत्मनिर्भर 'न्यू इंडिया' के लिए आधारशिला रखी है और अमेरिकी निवेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'विकसित भारत' की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसे दोनों देशों के लिए जीत की स्थिति बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, इसका जनसांख्यिकीय लाभ, कुशल कार्यबल और विशाल घरेलू बाजार अमेरिकी कंपनियों के लिए उच्च रिटर्न की गारंटी देते हैं। उन्होंने कहा कि नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने और रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखने के लिए, अमेरिकी व्यवसायों के लिए भारत में निवेश करके जोखिम कम करना आवश्यक होगा।
रक्षा मंत्री ने भारत और अमेरिका को स्वाभाविक साझेदार बताया और कहा कि वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य के बीच व्यापार और रणनीतिक, दोनों क्षेत्रों में एक साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत और अमेरिका एक स्वतंत्र, मुक्त और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करते हैं। इससे हमारे सामरिक हितों में काफी समानता आ रही है। इसके अलावा, हमारा आर्थिक संबंध दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा है। वर्तमान संबंध साझा मूल्यों और हितों की दोहरी अनुरूपता से प्रेरित है, जो संबंधों की लंबी स्थिरता और मजबूती की गारंटी है।”
रक्षा मंत्री ने इस बात की सराहना की कि मौजूदा समय की जरूरत को समझते हुए भारत और अमेरिका रक्षा प्रौद्योगिकी तथा अंतरिक्ष सहित विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल का विशेष उल्लेख किया, जिसके माध्यम से दोनों देश रक्षा प्रौद्योगिकी साझेदारी को और मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसरो और नासा की संयुक्त पहल ‘निसार’ पृथ्वी विज्ञान, आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग सुनिश्चित करेगी।
श्री सिंह ने कहा, “भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका भी एक बड़ा लोकतंत्र है। जब दो बड़े लोकतंत्र एक-दूसरे के साथ सहयोग करते हैं, तो यह निश्चित रूप से लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था को मजबूत बनाएगा। यह दुनिया भर में नियम-आधारित व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए काम करेगा। हमारा एक साथ काम करना न केवल हमारे लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा।”
‘आत्मनिर्भर भारत’ के पीछे सरकार के दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बताते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि देश सही गति से आगे बढ़ रहा है, जिससे आने वाले समय में उसे अड़चनों का सामना नहीं करना पडे़गा। उन्होंने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णयों की चर्चा भी की।
संजीव
वार्ता