पटना, 16 अक्टूबर (वार्ता) बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने आज कहा कि राष्ट्रीय एकता से ही भारत फिर से दुनिया का सिरमौर बनेगा।
श्री चौहान ने यहां मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित ‘राष्ट्रीय अखंडता में अरबी-फारसी एवं उर्दू भाषा की भूमिका’ विषयक राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि जब प्रत्येक इंसान को मुल्क के जर्रे-जर्रे से मुहब्बत होगी, तभी कौमी एकता मजबूत होगी और देश तेजी से तरक्की कर पायेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म से बढ़कर दूसरा कोई धर्म नहीं है। राष्ट्रीय एकता के विकास से ही भारत फिर से दुनिया का सिरमौर बनेगा।
कुलाधिपति ने कहा कि उर्दू, अरबी और फारसी देश की एकता, अखंडता, सामाजिक सद्भावना और समरसता में विश्वास रखने वाली भाषाएं हैं। इन भाषाओं के साहित्यकार भी मुल्क की कौमी एकजहती में विश्वास रखते हैं तथा राष्ट्रीय एकता को सर्वोपरि मानते हैं। अरबी-फारसी और उर्दू भाषाओं के विद्वान और शायरों का भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में भी बहुत बड़ा योगदान रहा है।
सतीश सूरज
जारी वार्ता