दुनियाPosted at: Sep 4 2018 2:34PM सिंधु जल विवाद: भारत, पाकिस्तान करेंगे निरीक्षण
इस्लामाबाद 04 सितंबर (वार्ता) भारत और पाकिस्तान सिंधु जल विवाद को हल करने के लिए एक-दूसरे के यहां नदी तटों पर चल रही परियोजनाओं का निरीक्षण करेंगे।
भारत ने पाकिस्तान को झेलम तट क्षेत्र और पाकिस्तान ने भारत को सिंधु के निचले तट क्षेत्र की परियोजनाओं का निरीक्षण करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
पाकिस्तान के समाचार पत्र द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक सिंधु जल के पाकिस्तान आयुक्त (पीसीआईडब्ल्यू) सिंतबर के अंतिम सप्ताह में झेलम तट क्षेत्र का दौरा करके किशनगंगा जल विद्युत संयंत्र का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद सिंधु जल के भारत आयुक्त (आईसीआईडब्ल्यू) सिंधु के निचले क्षेत्र का दौरा कर कोतरी बैराज का निरीक्षण करेंगे।
दोनों देशों के बीच अगस्त 29-30 को लाहौर में स्थायी सिंधु आयोग की 115वीं बैठक के कार्य विवरण के अनुसार पाकिस्तान ने भारत से किशनगंगा जल विद्युत संयंत्र समेत झेलम तट क्षेत्र की परियोजनाओं के निरीक्षण के लिए विशेष दौरे की व्यवस्था करने की मांग की थी। यह दौरा वर्ष 2014 से लंबित है। आईसीआईडब्ल्यू ने पाकिस्तान की इस मांग को अपना अनुमोदन दे दिया।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दोनों देशों के बीच बातचीत बहाल हो गयी है इसलिए सिंधु जल स्थायी आयोग की भारत में आयोजित होने वाली अगली बैठक से पूर्व पाकिस्तान के दल की किशनगंगा परियोजना का निरीक्षण करने की संभावना है।
बैठक में दोनों देशों ने स्थायी सिंधु आयोग की भूमिका को और अधिक सशक्त करने पर भी आम राय से सहमति व्यक्त की। पाकिस्तान ने भारत से संभावित परियोजनाओं की सूचनायें साझा करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
दोनों देशों ने चिनाब नदी पर 48 मेगावाट की कलनई जलविद्युत परियोजना और 1000 मेगावाट की पाकल दुल जलविद्युत परियोजना के विभिन्न मापदंडों और डिजाइन के विवरण को साझा करने पर भी सहमति व्यक्त की है।
वर्ष 1960 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान द्वारा किये गये सिंधु जल समझौते के अनुसार पूर्वी नदियों सतलुज, व्यास और रावि का जल भारत को और पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब का जल पाकिस्तान को आवंटित किया गया था।