चंडीगढ़, 24 नवंबर (वार्ता) देश भर में पैरा स्पोर्ट्स को लेकर जागरुकता फैलाने और पैरा टैलेंट खोजने के लिए 3801 किलोमीटर लम्बी और कठिन इनफिनिटी राइड 2020 अपने अभियान के तहत मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंच गयी।
भारत के पहले पैरा साइक्लिस्ट और लिम्का बुक ऑफ रिकाडर्स होल्डर आदित्य मेहता की अगुवाई में भारत की पैरा साइक्लिंग टीम अन्य शौकिया चालकों के साथ 35 शहरों के राइड पर है और चंडीगढ़ इस राइड की राह में छठा शहर है। इन 30राइडरों में 10 साल के स्पर्श सबसे युवा हैं और वह कश्मीर से कन्याकुमारी तक की अपनी पहली साइकिल यात्रा पर निकले हैं।
इनफिनिटी राइड आदित्य मेहता फाउंडेशन (एएमएफ) की पहल है और इसे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का समर्थन प्राप्त है। चंडीगढ़ पहुंचने के बाद इनफिनिटी राइडर्स ने एक दिन आराम का बिताया और इस दौरान पैरा स्पोर्ट्स को लेकर जन जागरुकता अभियान का हिस्सा बनने के साथ-साथ वे सेक्टर-28 स्थित चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब सेंटर भी गए। पैरा स्पोर्ट्स ने हाल के दिनों में भारत में सराहनीय विकास देखा है।
पंजाब के बीएसएफ जवान गुरलाल सिंह ने कहा, ‘‘इनफिनिटी राइड को आयोजित होते हुए छह साल हो चुके हैं और हर साल इसका आयोजन योग्य पैरा स्पोर्ट्स एथलीटों की मदद के लिए फंड जुटाने के लिए किया जाता है। इस मामले में काफी हद तक श्रेय आदित्य मेहता फाउंडेशन जैसे संगठनों को दिया जाना चाहिए, जिन्होंने देश के लिए खेलों में हिस्सा लेने वाले मेरे साथ-साथ अन्य लोगों की मदद की है। ये लोग सिर्फ दिव्यांग लोगों की मदद नहीं कर रहे हैं बल्कि इन्हें देश के लिए इंटरनेशनल मेडल जीतने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। चंडीगढ़ प्रवास के दौरान हम कई स्थानों पर गए और लोगों को पैरा स्पोर्ट्स में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। साथ ही हम चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब सेंटर भी गए और वहां जाकर हमें काफी अच्छा लगा।’’
एशियाई पैरा साइक्लिंग चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले हरिंदर सिंह और एशियाई ट्रैक साइक्लिंग में कांस्य जीतने वाले गुरलाल सिंह इनफिनिटी राइड का प्रमुख चेहरा रहे जबकि 10 साल के स्पर्श तैनुली ने भी सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। स्पर्श 30 राइडरों में सबसे युवा हैं और वह कश्मीर से कन्याकुमारी तक की अपनी पहली साइकिल यात्रा पर निकले हैं।
कक्षा पांचवीं के छात्र स्पर्श ने कहा, ‘‘मैं इस राइड का हिस्सा बनना चाहता था क्योंकि मैं साइक्लिंग के जरिए देश के छोर के अंत तक खेलों के प्रति जागरुकता फैलाने निकले खिलाड़ियों के मिशन में उनकी मदद करना चाहता था। मैं ना तो पेशेवर हूं और ना ही साइकिल चालक, पर रास्ते में आ रही तमाम मुश्किलों के बावजूद मैं इस राइड के लिए प्रेरित हूं। साथ ही चालकों की शानदार कहानियां इस लम्बी यात्रा को छोटी बना रही है।’’
इस फाउंडेशन ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक 1000 से अधिक घायल जवानों और नागरिकों के जीवन को सफलतापूर्वक छुआ है, जिनके न केवल पुनर्वास का इंतजाम किया गया है, बल्कि भारतीय एथलीटों के रूप में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया है, जो देश के लिए प्रशंसा हासिल रहे हैं।
इनफिनिटी राइड 2020 की शुरूआत 19 नवंबर को श्रीनगर में हुई थी। मंगलवार का दिन राइडर्स के आराम के लिए निर्धारित है ताकि वे चुनौतीपूर्ण सफर को फिर से शुरू करने से पहले खुद को स्वस्थ कर सकें और अपनी प्रोस्थेटिक जांच कर सकें। राइड के तहत 41 दिनों में 35 शहर कवर किए जाने हैं और इसका अंतिम गंतव्य 29 दिसंबर को तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी है।
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