नयी दिल्ली, 27 सितंबर (वार्ता) बुजुर्गों की सेवा से जुड़े संगठन एसोसिएशन ऑफ सीनियर लिविंग इंडिया (एएसएलआई) ने देश में वरिष्ठ नागरिकों की सेवा सुश्रुषा में सहायक साजो-सामान बनाने वाले उद्योग में बड़ा बदलाव लाने के उद्देश्य से एक बड़ा कार्यक्रम शुरू करने की बुधवार को यहां घोषणा की।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव सौरभ गर्ग की मौजूदगी में यहां ‘द इंटरनेशनल डे ऑफ ओल्डर पर्संस’ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की गयी ।
इस मौके पर डॉ गर्ग ने सीनियर केयर उत्पादों और सेवाओं के उद्यम एवं स्टार्टअप का समर्थन करने के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता व्यक्त की। डॉ गर्ग ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि मंत्रालय ने इस उद्देश्य के लिए धन आवंटित किया है और इस में अधिक से अधिक स्टार्टअप की भागीदारी की उम्मीद जताई है। उनका मानना है कि वरिष्ठ देखभाल क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करके, उद्योग को अगले स्तर तक बढ़ाया जा सकता है, साथ ही मौजूदा आपूर्ति अंतर को भी संबोधित किया जा सकता है।
एएसएलआई के प्रबंध निदेशक आदर्श नरहरि ने इस मौके पर कहा , “ हमारी बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करना एक सामाजिक आवश्यकता और एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर दोनों है। हम सीनियर केयर सेक्टर से जुड़े सभी लोगों
को एक साथ ला रहे हैं। भारत में बुजुर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करने के लिए एजिंग फेस्ट 2023 भारत की जनसांख्यिकीय बदलाव के लिए एक सही समय पर रिस्पांस देने वाले प्रमुख सेक्टर के तौर पर काम करता है। 2030 तक, हर पांच में से एक भारतीय 55 वर्ष या उससे अधिक का होगा, जो इस बाजार के बढ़ते हुए आधार को दर्शाता है। ”
श्री नरहरि ने इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में केवल कुछ ही इकाइयां इस अवसर का लाभ उठा रही हैं। ‘एजिंग फेस्ट’ पहल का उद्देश्य नीति निर्माताओं, निवेशकों और अंतिम उपभोक्ताओं को एक छतरी के नीचे लाना, वरिष्ठ देखभाल उद्योग में प्रगति लाने के लिए सहयोग और तालमेल को बढ़ावा देना है। इस सामूहिक प्रयास का उद्देश्य न केवल वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करना है, बल्कि इसमें शामिल सभी हितधारकों के लाभ के लिए क्षेत्र की क्षमता को बहार लाना भी है। पीडब्ल्यूसी चौथे एएसएलआई एजिंग फेस्ट के लिए नॉलेज पार्टनर के रूप में शामिल हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग के अनुसार, भारत में 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की आबादी 2011 में 8.6 प्रतिशत से बढक़र 2050 तक 19.5 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है। हमारे सीनियर सिटीजंस भी अब अधिक स्वस्थ, अधिक सक्रिय जीवन जी रहे हैं और उनके पास पर्याप्त खर्च करने की शक्ति है। हाल के अनुमानों से पता चलता है कि भारत में सीनियर सिटीजंस की खर्च करने की क्षमता नाटकीय रूप से बढ़ जाएगी, जो 2020 में 100 अरब डॉलर से बढक़र 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी। इस डेमोग्राफिक बदलाव ने भारत में बुजुर्गों की बढ़ती आबादी की उभरती जरूरतों को भुनाने के लिए उत्सुक निवेशकों और व्यवसायों का ध्यान आकर्षित किया है।
श्रवण.मनोहर
वार्ता