राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Feb 6 2019 9:48PM इनेलो-गठबंधन अटूट, अफवाहें निराधार: अभय चौटाला
चंडीगढ़, 06 फरवरी(वार्ता) इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) नेता अभय सिंह चौटाला ने इनेलो-बहुजन समाज पार्टी(बसपा) गठबंधन को लेकर पैदा किये जा रहे भ्रम को निराधार बताते हुए कहा है कि यह गठबंधन अटूट है और राज्य में लोकसभा चुनाव मिल कर लड़ेगा।
श्री चौटाला ने आज यहां पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान एक सवाल पर यह स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि जींद विधानसभा उप चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को 60 से ज्यादा बूथों पर एक से पांच वोट मिले हैं। अब पार्टी कार्यकर्ता सभी बूथों पर जाकर मतदाताओं से शपथ पत्र लेंगे कि यदि उन्होंने इनेलो को वोट दिया है तो उनका वोट इनेलो के खाते में क्यों नहीं गया।
उन्होंने सरकार पर इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में धांधली करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान पैसे और शराब का खुलेआम इस्तेमाल हुआ। वह इन सभी मुद्दों पर चुनाव आयोग से संज्ञान लेने और जांच कराने की भी मांग करेंगे।
श्री चौटाला ने बड़े भाई अजय चौटाला और भतीजों पर पार्टी के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। उन्होंने अजय चौटाला पर वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में टिकट बेचने तक आरोप लगा डाला और कहा कि लोकसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला को सांसद बनाने के लिए पार्टी को कमजोर करने तक की कोशिश की गई। उन्होंने अजय पर आरोप लगाया कि बेटे को सांसद बनाने के लिए हिसार से नवीन जिंदल और जींद से जयप्रकाश की मदद ली और लोकसभा चुनाव में इनेलो प्रत्याशी बलबीर सैनी की मदद करने के बजाय कांग्रेस प्रत्याशी नवीन जिंदल की मदद की। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में इनेलो प्रत्याशी रामपाल माजरा के बजाय जयप्रकाश की मदद की।
अभय चौटाला यहीं नहीं रूके उन्होंने अजय चौटाला पर तीन टिकट बेचने का भी आरोप लगाया और कहा कि फतेहाबाद के एक व्यक्ति से टिकट के लिये 50 लाख रुपये तक लिए गए। पचास लाख रुपये लेने की बात इस अवसर पर मौजूद पार्टी के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने भी की और दावा किया कि खुद जजपा प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह भी इस बात के गवाह हैं।
श्री चौटाला ने कहा कि जो लोग जननायक जनता पार्टी में जा रहे हैंए वे केवल षड्यंत्र का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत दिनों विधायक बलकौर सिंह को जजपा ने अपने साथ जोडऩे का दावा किया था लेकिन बलकौर ने इससे स्पष्ट इंकार कर दिया और यही घटना पिरथी नंबरदार के साथ भी घटी है।