नयी दिल्ली, 16 नवम्बर (वार्ता) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि संपूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन के खतरे का सामना कर रहा है और ऐसी स्थिति में कृषि क्षेत्र में नवाचार की सख्त जरूरत है।
श्री प्रभु यहां कृषि स्टार्ट-अप्स द्वारा नवाचार पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आबादी बढ़ने के कारण आने वाले कुछ वर्षों में खाद्यान्न की और अधिक मांग होगी। इससे निपटने के लिये ऐसे कृषि स्टार्ट-अप्स की जरूरत है, जो सीमित उपजाऊ जमीन पर कम से कम पानी का इस्तेमाल करते हुए अधिकाधिक फसल उत्पादन कर सकें। उन्होंने खाद्यान्न, फलों और सब्जियों की बर्बादी को कम करने के लिए नवाचार का आह्वान किया।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स के लिए काफी संभावनाएं हैं जो अभी मुख्य तौर पर विचार मंचों और विनिर्माण तक सीमित है। उन्होंने कहा कि नवाचारों की मदद से अधिक उपज देने वाले बीमारी रहित फसलों का उत्पादन, भूमि पोषण ,उन्नत डेयरी, मुर्गीपालन और मत्स्य प्रौद्योगिकी को विकसित करना चाहिए।
श्री प्रभु ने कृषि स्टार्ट-अप्स को अधिक नवाचारयुक्त बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार इसके विकास के लिए सुविधाएं मुहैया कराने के लिए एक समग्र रणनीति पर काम कर रही है। मंत्रालय स्टार्ट-अप्स समुदाय के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।
अरुण अर्चना
वार्ता