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देश के मछुआरो के हितों की हमेशा रक्षा की जाएगी: मोदी

देश के मछुआरो के हितों की हमेशा रक्षा की जाएगी: मोदी

चेन्नई, 14 फरवरी(वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी सरकार मछुआरो के हितों की हमेशा रक्षा करेगी और इस समय श्रीलंका की हिरासत में कोई भी भारतीय मछुआरा नहीं है।

श्री मोदी ने यहां अनेक कार्यक्रमों की आधारशिला रखने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा “ हमारे मछुआरे जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं वे काफी लंबे समय से चली आ रही हैं। मैं इन समस्याओं के इतिहास में नहीं जाना चाहता हूं लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि मेरी सरकार उनके वाजिब हितों की हमेशा रक्षा करेगी और जब भी श्रीलंकाई नौसेना ने हमारे मछुआरों को हिरासत में लिया था हमने तुरंत उनकी समय से पहले रिहाई को सुनिश्चित किया। मेरी सरकार के कार्यकाल में 1600 से अधिक मछुआरो को रिहा कराया गया है और इस समय श्रीलंका नौसेना की हिरासत में एक भी भारतीय मछुआरा नहीं हैं।”

श्री मोदी ने कहा कि इसी तरह मछुआरों की 330 नौकाओं को भी छुड़ाया गया है और हम अन्य नौकाओं की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। देश को अपने मछुआरा समुदायों पर गर्व हैं क्योंकि वे दयालुता और लगन का प्रतीक रहे हैं। इस बार के बजट में मछुआरो के लिए रिण के अतिरिक्त प्रावधान किए गए है तथा उनके लिए आधारभूत सुविधा ढांचे को भी उन्नत किया जा रहा है तथा चेन्नई समेत पांच केन्द्रों पर आधुनिक सुविधाओं युक्त मछली बंदरगाह विकसित किए जाएंगे।

श्री मोदी ने समुद्री शैवाल की खेती के प्रति उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि इससे तटीय क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों की आजीविका में सुधार होगा और इसके लिए तमिलनाडु में एक बहुउद्देशीय समुद्री शैवाल पार्क विकसित किया जाएगा।

श्री मोदी ने श्रीलंकाई तमिलों के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने श्रीलंका में रह रहे तमिल भाइयों और बहनों के कल्याण और उनकी आंकाक्षाओं को पूरा करने के लिए हमेशा प्रयास किए हैं।

भारत सरकार ने पहले के मुकाबले तमिलों को काफी संसाधन दिए हैं और इन परियोजनाओं में उत्तर पूर्वी श्रीलंका में विस्थापित तमिलों के लिए 50,000 आवास तथा बागानों में रहने वाले तमिलों के लिए 4,000 आवासों का निर्माण

शामिल हैं। इसके अलावा केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में निशुल्क एंबुलेंस सेवा को वित्त पोषित किया है जिसका फायदा तमिल समुदाय कर रहा है और डिकोया में एक अस्पताल का निर्माण भी कराया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीलंकाई नेताओं के समक्ष हमेशा ही उनकी सरकार ने तमिलों के अधिकारों का मसला उठाया है और हम उनके लिए समानता, न्याय, शांति और अस्मिता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

जितेन्द्र

वार्ता

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