त्रिची 10 जनवरी (वार्ता) उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि नीति आयोग को मौजूदा समय में शिक्षा में निवेश का अनुपात निर्धारित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की राशि 4.6 से बढ़ाकर छह प्रतिशत करनी चाहिए।
श्री वेंकैया ने यहां नेशनल कॉलेज द्वारा आयोजित समारोह में बोलते हुए कहा कि निजी क्षेत्रों को भी शिक्षा में निवेश के लिए सक्रिय रूचि दिखानी चाहिए क्योंकि भारतीय शिक्षा का भविष्य सार्वजनिक-निजी साझेदारी के अनुकूल है।
उन्होंने कहा, “आज हमारा सपना 2022 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को 50 खरब डॉलर की करने की है और इस लक्ष्य को स्थायी बुनियाद, सक्षम नीतियों, अत्याधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और सरल नवाचारों के जरिये ही हासिल किया जा सकता है।” उन्होंने इस देश के कुछ क्षेत्रों में व्याप्त गरीबी, अशिक्षा तथा सामाजिक बुराइयों का भी जिक्र किया।
उपराष्ट्रपति को कहा कि अच्छी शिक्षा को सामाजिक न्याय तथा सभी के लिए सामान्य अवसर सुनिश्चित कराने और तेज गति से देश की विकास की कुंजी बताया।
उन्होंने कहा, “इसलिए हमें शिक्षा में निवेश की राशि को बढ़ाना चाहिए। नीति आयोग को शिक्षा में की जा रही 4.6 प्रतिशत की राशि को बढ़ाकर 6 प्रतिशत करना चाहिए।”
उन्होंने अपने विषय में परांगत एवं उत्कृष्ट संचारवाले शिक्षकों की एक श्रृंखला तैयार करने की आवश्यता बतायी और कहा, “हमें शिक्षकों को प्रत्येक बच्चे की अद्वितीय प्रतिभा को पहचानने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए और उन्हें शैक्षिक अनुभव प्रदान करना चाहिए, जिससे सर्वश्रेष्ठ छात्र उभर कर सामने आएंगे।”
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें तत्काल रट लगाने वाली शिक्षा को बदलकर वैचारिक और अनुप्रयोग उन्मुख बनाना चाहिए।
संतोष टंडन
वार्ता