खेलPosted at: May 26 2020 9:04PM आईओए में छिड़ा घमासान, नैतिक आयोग भंग और फिर बहाल
नयी दिल्ली, 26 मई (वार्ता) भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष डॉ नरेंद्र ध्रुव बत्रा और महासचिव राजीव मेहता के बीच घमासान लगातार तेज होता जा रहा है और पिछले कुछ दिनों में इसने काफी खराब रुख अख्तियार कर लिया है
बत्रा ने मेहता को गुरूवार को भेजे ईमेल में कहा था कि उन्होंने मेहता के काम का बोझ काम करने के लिए उनके काम को बांटने का फैसला किया है लेकिन मेहता का यह बात रास नहीं आयी और उन्होंने बत्रा को भेजे अपने जवाब में कहा था कि खेलों की सेवा करना उनका मिशन है और उन्हें अपने काम को लेकर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हैं।
बत्रा ने सोमवार को संयुक्त सचिव राकेश गुप्ता को आधिकारिक मिनट्स रिकॉर्डर नियुक्त किया था और मंगलवार को महासचिव राजीव मेहता ने आईओए के नैतिक आयोग को भंग करने के बत्रा के फैसले को ‘अवैध’ ही ठहरा दिया। नौ सदस्यीय नैतिक आयोग में शामिल भाजपा प्रवक्ता और आईओए के उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने राकेश गुप्ता की आधिकारिक मिनट्स रिकॉर्डर के रूप में नियुक्ति को आईओए संविधान के खिलाफ बताया और कहा कि अध्यक्ष होने के नाते आपको संविधान के प्रावधानों का पालन करना चाहिए न कि संविधान का उल्लंघन करना चाहिए।
आईओए के अध्यक्ष बत्रा ने हाल में मेहता को अपने पत्र में कहा था, “मैं यह देख रहा हूं कि आपने आईओए में काम का काफी बोझ ले रखा है। मैंने फैसला किया है कि आपके काम के बोझ को सम्भालूं और आपके काम को बांटू। चूंकि मैं दिल्ली में रहता हूं और कुछ अन्य लोग भी नियमित रूप से दिल्ली आते रहते हैं इसलिए हम लोग जिम्मेदारियों को बांट सकते हैं।”
बत्रा के पत्र के जवाब में मेहता ने कहा था कि खेलों को प्रोत्साहन देना और खेलों की सेवा करना उनका एकमात्र मिशन है। मेहता ने कहा, “मैंने अपना पूरा जीवन खेलों को समर्पित कर दिया है और आईओए ने मुझे जो काम दिया है उससे मुझे कोई परेशानी नहीं है। मुझे रोजाना हर कार्य की रिपोर्ट कार्यालय से मिलती है। जहां तक आपकी मेरी कुछ जिम्मेदारी लेने की मंशा है तो मैं यह बताना चाहता हूं कि महासचिव के रूप में आईओए ने मुझे जो काम सौंपे हैं मैं उनसे पूरी तरह सहज हूं और कामों को लेकर मुझे कोई परेशानी नहीं है।”
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जारी वार्ता