नयी दिल्ली, 19 जनवरी (वार्ता) भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने गुरुवार को कहा कि वह भारतीय कुश्ती में हुई हालिया उथल-पुथल को लेकर चिंतित हैं और महासंघ महिला एथलीटों के हितों की सुरक्षा के लिये हर संभव कदम उठायेगा।
उषा ने यहां जारी बयान में कहा, "एक महिला और पूर्व एथलीट एवं वर्तमान में एक खेल प्रशासक होने के नाते मैं भारतीय कुश्ती में नवीनतम विकास से बहुत चिंतित और परेशान हूं, जहां एथलीटों के एक वर्ग ने खेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।"
उन्होंने कहा, "हालांकि यह पूरा प्रकरण बहुत चिंता का विषय है, लेकिन मैं युवा मामले और खेल मंत्रालय की त्वरित प्रतिक्रिया से बेहद आश्वस्त महसूस कर रही हूं। मुझे यकीन है कि भारत सरकार इस संबंध में सही दिशा में सही कदम उठाएगी। आईओए अध्यक्ष के तौर पर मुझे पूरी उम्मीद है कि एथलीटों को किसी भी परिस्थिति में उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा। आईओए सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों से भारतीय खेलों के हित में सभी तथ्यान्वेषी एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग करने का आग्रह करता है। आईओए स्वंय भी महिला एथलीटों के हितों की रक्षा के लिये सब कुछ करेगा।"
उल्लेखनीय है कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और अंशू मलिक सहित कई सम्मानित पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह और महासंघ के कोचों पर महिला पहलवानों के यौन शोषण सहित कई गंभीर आरोप लगाये हैं। पहलवानों की मांग है कि सिंह का इस्तीफा लिया जाये और उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाये। पहलवानों ने यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन गुरुवार को महासंघ को भंग करने की मांग भी की।
इसी बीच, खेल मंत्रालय ने बुधवार को एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उसने डब्ल्यूएफआई से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। अगर कुश्ती महासंघ 72 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण नहीं देता तो मंत्रालय उसके खिलाफ राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 के तहत कार्रवाई करेगा।
शादाब
वार्ता