चेन्नई, 30 नवंबर (वार्ता) भारत अपना पहला एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (एक्सपोसेट) प्रक्षेपित करने के लिए तैयार है। इसका उदेश्य गहन एक्स-रे स्रोतों के ध्रुवीकरण की जांच करना है।
यह मिशन इस साल के अंत तक शार रेंज से छोड़े जाने की संभावना है और उम्मीद है कि इसरो इस मिशन के लिए अपने विश्वसनीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी का उपयोग करेगा।
इसरो ने गुरुवार को कहा कि भारत ने अंतरिक्ष-आधारित एक्स-रे खगोल विज्ञान स्थापित किया गया है, जो मुख्य रूप से इमेजिंग, टाइम-डोमेन अध्ययन और स्पेक्ट्रोस्कोपी पर ध्यान केंद्रित करता है। आगामी यह मिशन इसमे प्रमुख मूल्य-वर्धन का प्रतीक है।
खगोल विज्ञान से जेड़े वैज्ञानिक विशेष रूप से खगोलीय स्रोतों द्वारा उत्सर्जित एक्स-रे के ध्रुवीकरण में व्यवस्थित अन्वेषण की संभावना के बारे में उत्साहित है। यह शोध, पारंपरिक समय और आवृत्ति डोमेन अध्ययनों को पूरक करते हुए, एक्स-रे खगोल विज्ञान में एक नया आयाम पेश करता है, जो वैज्ञानिक समुदाय के भीतर उत्साह पैदा करता है।
सैनी
वार्ता