भारतPosted at: Oct 15 2019 7:04PM सैन्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बढत हासिल करना जरूरी: डोभाल
नयी दिल्ली 15 अक्टूबर (वार्ता) राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण और अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी अपनाये जाने पर जोर देते हुए कहा है कि दुश्मन पर बढत हासिल करने के लिए सेनाओं का बेहतर उपकरणों से लैस होना जरूरी है।
श्री डोभाल ने मंगलवार को यहां रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के निदेशकों के 41 वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जो सेना बेहतर साजो सामान से लैस होती है वही मानवता का भविष्य तय करती है। उन्होंने कहा कि सैन्य अभियानों की सफलता प्रौद्योगिकी और साजो सामान पर निर्भर करती है। सैन्य प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा “ या तो आप अपने दुश्मन से अव्वल हैं या आप हैं ही नहीं। आधुनिक विश्व में प्रौद्योगिकी और पैसा दो चीजें है जो भूराजनीतिक स्थिति को प्रभावित करती है। कौन हारता है और कौन जीतता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन अपने शत्रु से ज्यादा लैस है। इन दोनों में से भी प्रौद्योगिकी कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। ”
सैन्य प्रौद्योगिकी विकसित करने के मामले में भारत की धीमी गति पर निराशा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि भारत पिछड़ा हुआ है और पिछड़ने वालों को कोई ईनाम नहीं मिलता। राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए भारत को अपनी जरूरत के हिसाब से सैन्य प्रौद्योगिकी विकसित करनी होगी जिससे सेना, नौसेना और वायु सेना को मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें जरूरत के हिसाब से ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करनी होगी जिससे हम अपने शत्रु पर बढत बना सके। डीआरडीओ की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए संगठन को आगे बढकर सेनाओं की जरूरत पूरी करनी होगी और विभिन्न प्रणालियों का एकीकरण करना होगा।
इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण पर जोर देते हुए कहा कि हमें भविष्य की लड़ाइयों को ध्यान में रखकर साइबर, अंतरिक्ष, लेजर और कृत्रिम बुद्धिमता के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी हासिल करनी होगी। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ ने सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में अच्छा काम किया है। सेना प्रमुख ने कहा , “ हमें भरोसा है कि हम स्वेदशी हथियार प्रणालियों और साजो-सामान के बल पर भविष्य की लड़ाइयों में जीत हासिल करेंगे।”
संजीव
वार्ता