मुंबई 09 जुलाई (वार्ता) बॉलीवुड में अपने लाजवाब कॉमिक अभिनय से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले जगदीप मां की एक सीख को सफलता का मूलमंत्र मानते थे।
जगदीप ने अपने शुरूआती दिनों में बेहद मुश्किलों का सामना किया लेकिन कभी हार नहीं मानी और संघर्ष कर फिल्म इंडस्ट्री में सशक्त पहचान नायी। जगदीप ने एक इंटरव्यू में अपनी मां के द्वारा कहे गए शेर का जिक्र किया था और बताया था कि कैसे उस शेर ने उन्हें कभी हारने नहीं दिया।
जगदीप ने कहा था, “मैंने जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है। मेरी मां ने मुझे समझाया था। एक बार बॉम्बे में बहुत तेज तूफान आया था। सब खंभे गिर गए थे। हमें अंधेरी से जाना था। उस तूफान में हम चले जा रहे थे। एक टीन का पतरा आकर गिरा और मेरी मां के पैर में चोट लगी। बहुत खून निकल रहा था। ये देख मैं रोने लगा, तो मेरी मां ने तुरंत अपनी साड़ी फाड़ी और उसे बांध दिया। तूफान चल रहा था, तो मैंने कहा कि यहीं रुक जाते हैं, ऐसे में कहां जाएंगे, तो उन्होंने एक शेर पढ़ा था। मां ने कहा था, वो मंजिल क्या जो आसानी से तय हो वो राह ही क्या जो थककर बैठ जाये। पूरी जिंदगी मुझे ये ही शेर समझ में आता रहा कि वो राह ही क्या जो थककर बैठ जाए तो अपने एक-एक कदम को एक मंजिल समझ लेना चाहिए। छलांग नहीं लगानी चाहिए, गिर जाओगे।”
प्रेम सतीश
वार्ता