नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (वार्ता) जय किसान आंदोलन ने 26 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा के किसानों के विरोध के आह्वान को अपना समर्थन दिया है । इस दिन ऐतिहासिक किसान आंदोलन के 11 महीने भी पूरे होंगे।
26 अक्टूबर के राष्ट्रव्यापी विरोध का मुख्य ऐजेंडा लखीमपुर खीरी नरसंहार में न्याय की मांग है, जहां केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे के काफिले में शामिल वाहनों से चार किसानों और एक पत्रकार की कुचले जाने से मौत हो गई थी। राज्य मंत्री टेनी, जिन्होंने पहले भी किसानों के खिलाफ खुलेआम धमकी और द्वेषपूर्ण बयान दिए थे, अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के हिस्सा बने हुए हैं। मामले की जांच और न्याय में बाधा डालने के स्पष्ट प्रयास किए गए हैं। यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने भी माना कि सरकार जांच में अपने पैर खींच रही है।
किसानों की मांग में तीन किसान-विरोधी कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की संवैधानिक गारंटी के अलावा राज्य मंत्री की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी और नरसंहार में उनकी भूमिका के लिए उनकी गिरफ्तारी और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में लखीमपुर खीरी हत्याकांड की एसआईटी जांच शामिल होगी।
जय किसान आंदोलन के अध्यक्ष अविक साहा ने आज एक बयान में कहा, “जय किसान आंदोलन लखीमपुर खीरी हत्याकांड में न्याय के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। कई राज्यों में, जय किसान आंदोलन ने नरसंहार में मारे गए किसानों के सम्मान में ‘अस्थि कलश यात्रा’ का आयोजन किया। हम सभी किसानों और आम नागरिकों से आह्वान करते हैं कि वे शहीद किसानों के लिए न्याय की मांग के लिए 26 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन में शामिल हों”।
अरुण जितेन्द्र
वार्ता