चेन्नई, 07 जनवरी (वार्ता) तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने श्रीलंका में तमिलों को समान अधिकार प्रदान करने के पेशकश संबंधी संविधान के 13वें संशोधन करने से जुड़े डॉ. एस जयशंकर के बयान का स्वागत करते हुये कहा है कि यह वहां के तमिलों के प्रति भारत की चिंता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, “ विदेश मंत्री ने 13वें संशोधन पर स्पष्ट रूप से भारतीय स्थिति बताई है। कोलंबो में बुधवार को श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्देनाजी के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान तमिल समुदाय के बारे में दिया गया उनका यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रीलंका में तमिलों के कल्याण के अथक प्रयासों की भावना से प्रेरित है।”
राज्यपाल ने डॉ. जयशंकर के बयान का हवाला देते हुये कहा कि भारत श्रीलंका की एकता, स्थिरता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए पूरी दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एक समावेशी राजनीतिक दृष्टिकोण के लिये श्रीलंका में सुलह प्रक्रिया के लिये हमारा समर्थन दीर्घकालिक है, जो जातीय सद्भाव को प्रोत्साहित करता है। यह श्रीलंका के अपने हित में है कि पूरे श्रीलंका में समानता, न्याय, शांति और प्रतिष्ठा के लिये तमिल लोगों की अपेक्षाएं पूरी हों। यह संविधान के 13वें संशोधन सहित सार्थक हस्तांतरण पर श्रीलंका सरकार की प्रतिबद्धताओं पर समान रूप से लागू होता है। इससे श्रीलंका की प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित होगी।
सं.श्रवण
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