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जालंधर लोकसभा उपचुनाव : फीका रहा चुनाव प्रचार

जालंधर लोकसभा उपचुनाव : फीका रहा चुनाव प्रचार

चंडीगढ़, 08 मई (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत बड़े नेताओं के कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण और कांग्रेस के भी राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत केंद्रीय नेताओं के से दूर रहने से जालंधर लोकसभा उपचुनाव प्रचार फीका ही रहा।

कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी के ‘भारत जोड़ो यात्रा“ के दौरान जनवरी में निधन से रिक्त हुई सीट पर 10 मई को मतदान होने वाला है। कांग्रेस ने उनकी पत्नी करमजीत कौर चौधरी को टिकट दिया है। आम आदमी पार्टी ने जालंधर पश्चिम से कांग्रेस विधायक रह चुके सुशील रिंकू को प्रत्याशी बनाया है। शिरोमणि अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन की तरफ से डॉ. सुखविंदर सुक्खी चुनावी मैदान में हैं तो भारतीय जनता पार्टी ने शिअद से आये इंदर इकबाल सिंह अटवाल को टिकट दिया है।

पिछले साल मार्च में विशाल बहुमत, 117 सदस्यीय विधानसभा में 92 सीटों, के साथ सरकार बनाने वाली आप को पिछले साल हुए संगरूर लोकसभा उपचुनाव में अप्रत्याशित झटका लगा था। मुख्यमंत्री बनने के बाद भगवंत सिंह मान के संसदीय सीट से इस्तीफे के कारण उपचुनाव हुआ था जिसमें अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान ने चौंकाने वाली जीत दर्ज की थी। इसलिए आप के लिए जालंधर उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण है और पार्टी ने प्रचार में पूरी ताकत भी झोंक दी। श्री मान और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रोडशो किये। पंजाब सरकार के तमाम मंत्री और विधायक जालंधर के विभिन्न हल्कों में जुटे हुए हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के लिए ‘वारिस पंजाब दे‘ प्रमुख अमृतपाल सिंह व उसके समर्थकों के खिलाफ सवा महीने से ज्यादा चले पुलिस अभियान का अमृतपाल के ‘आत्मसमर्पण‘ के साथ पटाक्षेप राहत वाली बात रहा। हालांकि एक मंत्री के युवक पर कथित यौन हमले के विवादास्पद मामले ने पार्टी को थोड़ी मुश्किल में डाल दिया है। कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खेहरा ने मंत्री का वीडियो राज्यपाल को दिया और मंत्री को हटाने की मांग की। मुख्यमंत्री ने यह कहकर मंत्री का बचाव करने की कोशिश की कि उनके पास कोई वीडियो नहीं आया है लेकिन फिर प्रकरण में पीड़ित युवक की राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत सामने आई जिसमें उसने आरोप लगाया है कि मंत्री ने उससे दुराचार किया है और यह 2013-14 से हो रहा है जब वह नाबालिग था। आयोग ने प्रकरण की जांच करने व कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने का आदेश प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को दिया है और इसीके साथ आयोग ने युवक को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग भी की है।

आप के बाद भाजपा ने भी उपचुनाव में पूरा ज़ोर लगा दिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पिछले साल ही कांग्रेस से आये पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत नेता पार्टी प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। संसदीय चुनाव होने के कारण भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत करने के नाम पर ही वोट मांग रही है। प्रचार के लिए प्रधानमंत्री या केंद्रीय गृह मंत्री नहीं आ सके हालांकि पंजाब के कदावर नेता प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने श्री मोदी चंडीगढ़ आये थे और श्री शाह भी बाद में बादल गांव में हुई अंतिम अरदास में शामिल हुए थे।

कांग्रेस भी स्थानीय नेताओं के सहारे ही है। जालंधर, हालांकि कांग्रेस का गढ़ माना जाता है और पार्टी को पूर्व सांसद के आकस्मिक निधन के कारण सहानुभूति वोट मिलने की भी उम्मीद है। प्रचार में सांसद के पुत्र विधायक विक्रमजीत सिंह चौधरी, पार्टी प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परताप सिंह बाजवा और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आदि समेत स्थानीय नेताओं ने ही मोर्चा संभाला केंद्र से कोई बड़ा नेता नहीं आया। कांग्रेस की तरफ से प्रचार में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला, जिनकी पिछले साल अप्रैल में हत्या की गई थी, के पिता बलकौर सिंह भी सामने आये हैं। उन्होंने बेटे की हत्या के मामले में जांच को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाते हुए लोगों से आप को वोट न देने की अपील की।

जहां तक शिअद - बसपा का सवाल है तो 25 अप्रैल को पार्टी के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन से शिअद का प्रचार प्रभावित हुआ है, हालांकि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को चुनावी प्रचार सभाओं में कहा कि शिअद-बसपा प्रत्याशी की उपचुनाव में जीत लोगों की दिवंगत प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि होगी। इस तरह शिअद को भी कांग्रेस की तरह सहानुभूति वोट का सहारा है।

महेश अशोक

वार्ता

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