जालौन 19 सितंबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के जालौन में यमुना और बेतवा के बढ़े जलस्तर के कारण बाढ की चपेट में आये इलाकों को बाढ़ से फिलहाल राहत मिलने की संभावना नजर नहीं आ रही है और इसी बीच प्रभावित क्षेत्रों में हालात और राहत सामग्री के पहुंचने का अधिकारियों ने गुरूवार को जायजा लिया।
स्थिति यह है कि कभी यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने लगता है तो बेतवा नदी का जलस्तर घटने लगता है । सुबह आठ बजे से यमुना नदी का जलस्तर स्थिर हो गया तो बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया जिला प्रशासन ने मोटर बोट से बाढ़ प्रभावित एवं टापू बने गांव का का भ्रमण भी किया।
जिलाधिकारी डॉक्टर मन्नान अख्तर ने बताया की गुरुवार को सुबह आठ बजे से जल आयोग के केंद्रीय कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार यमुना नदी कालपी में जलस्तर 112़ 26 मीटर पर स्थिर हो गया है तथा शाम चार बजे तक जल स्तर की यही स्थिति बनी हुई है जबकि कालपी में खतरे का निशान 108 मीटर पर स्थित है। जिलाधिकारी ने बताया कि कालपी तहसील के जो लगभग एक दर्जन गांव बाढ़ के कारण टापू बन गए थे ,ऐसे गांवों में से देवकली हीरापुर गुदाखश मांगरोल का उन्होंने स्वंय जायजा लिया और लोगों की समस्याएं सुनी साथ ही प्रभावित गांवों में लंच के पैकेट बांटे। जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक जालौन डॉक्टर सतीश कुमार और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मोटर बोट से लगभग टापू बने आधा दर्जन गांवों में पहुंचे। उन्होंने भ्रमण के दौरान बोई गई खरीफ की फसल की क्षति का भी आकलन भी किया।
जिलाधिकारी ने बताया जनपद की तहसील कालपी सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित हुई है दूसरे नंबर पर माधवगढ़ तहसील के गांव भी प्रभावित हुए हैं जैन बाढ़ प्रभावित गांव में कुछ ग्रामीण गांव के निचले हिस्से में निवास करते हैं ऐसे क्षेत्रों में बाढ़ का पानी अवश्य भर गया है ऐसे प्रभावित लोगों को भी राहत शिविरों में पहुंचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। घरों में निचले हिस्से में पानी भर जाने के बावजूद ग्रामीण अपना घर नहीं छोड़ना चाहते । उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित माधवगढ़ तहसील में अपर जिलाधिकारी प्रमिल कुमार को हिम्मतपुर, महमूदपुर, लाडपुरा, कंजरी, रामपुरा और जगम्मनपुर में तथा विधानसभा कालपी क्षेत्र में सिटी मजिस्ट्रेट जेपी सिंह को भेजा गया है जो की बाढ़ पर नजर रखेंगे साथ ही देखेंगे कि किसी बाढ़ प्रभावित व्यक्ति को परेशानी ना हो ।
उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर ना पड़े इसके लिए चिकित्सकों के दल को भी विभिन्न बाढ़ क्षेत्रों में भेजा गया है जो कि लगातार भ्रमण करते रहेंगे। बाढ़ के कारण हैंड पंप एवं कुआं का पानी संक्रमित हो गया है अतः संक्रमण से बचने के लिए बाढ़ वाले क्षेत्रों में क्लोरीन की गोलियां बांटी जा रही हैं तथा स्थानीय लोगों से अपील भी की जा रही है कि पीने के पानी में क्लोरीन की गोली डाल दें, तत्पश्चात 2 घंटे बाद उस पानी का सेवन करें । संक्रमण से बचने के लिए बाढ़ के पानी में स्नान ना करें क्योंकि बाढ़ के पानी में बहुत अधिक संक्रमण बस जाता है।
सं सोनिया
वार्ता