राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Sep 26 2021 10:59PM जितिन प्रसाद ने 2004 में पहली बार लांघी थी संसद की दहलीज
लखनऊ 26 सितम्बर (वार्ता) योगी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के तौर पर रविवार को शामिल हुये जितिन प्रसाद की पहचान उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज के बड़े नेताओं में होती है।
डेढ़ दशक से अधिक समय तक कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले श्री प्रसाद करीब तीन माह पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुये थे। वर्ष 2004 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर उन्होने पहली बार संसद की दहलीज लांघी थी। केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में उन्हे केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री बनाया गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में परिसीमन के बाद वह धौरहरा से लड़े और लगातार दूसरी बार सांसद बने।
संप्रग के दूसरे कार्यकाल में श्री प्रसाद सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और मानव संसाधन विभाग में राज्यमंत्री रहें। हालंकि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच उन्हे धौरहरा संसदीय क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा। इस बीच उन्होने 2017 के विधानसभा चुनाव में शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से किस्मत आजमायी मगर यहां भी उन्हे मुंह की खानी पड़ी।
राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्री जितिन प्रसाद के पिता जितेन्द्र प्रसाद भी चार बार शाहजहांपुर के सांसद रहे। वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार रहे। जितेन्द्र प्रसाद यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे थे। जितेन्द्र प्रसाद 2000 में सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था।
योगी मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने वाली संगीता बलवंत बिंद गाजीपुर जिले की सदर सीट से विधायक हैं। संगीता पिछड़ी जाति बिंद समाज से आती हैं। 42 वर्षीय बिंद पहली बार विधायक चुनी गयी हैं। छात्र राजनीति और पंचायत की राजनीति से सक्रिय राजनीति में आयी हैं। इसके अलावा धर्मवीर प्रजापति जनवरी 2021 में विधान परिषद सदस्य बने। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले प्रजापति ओबीसी समाज से आते हैं और वर्तमान में माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हैं। वह प्रदेश बीजेपी में कई अहम पदों पर रह चुके हैं।
प्रदीप
जारी वार्ता