नयी दिल्ली, 16 जनवरी (वार्ता) कानूनविदों एवं न्यायविदों की आपत्तियों के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी और दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजीव खन्ना को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त कर दिया।
श्री कोविंद ने न्यायमूर्ति माहेश्वरी और न्यायमूर्ति खन्ना को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनाये जाने की कॉलेजियम की अनुशंसा पर अपनी मुहर लगा दी। विधि एवं न्याय मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, दोनों न्यायाधीशों की नियुक्ति उनके कार्यभार संभालने के दिन से प्रभावी होगी।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले पांच-सदस्यीय कॉलेजियम ने दोनों न्यायाधीशों का नाम केंद्र सरकार को भेजा था, जिसे लेकर कुछ कानूनविदों और न्यायविदों ने कड़ी आपत्ति जतायी थी। इन सभी ने वरीयता क्रम के जजों की अनदेखी करके इन न्यायाधीशों के नाम की अनुशंसा किये जाने को अनुचित करार दिया था। कॉलेजियम ने जिन दो न्यायाधीशों को नजरंदाज किया है उनमें दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग शामिल हैं।
खुद उच्चतम न्यायालय के साथी न्यायाधीश संजय किशन कौल ने कॉलेजियम की अनुशंसा पर सवाल खड़े करते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र भी लिखा था। कॉलेजियम में न्यायमूर्ति गोगोई के अलावा न्यायमूर्ति ए के सिकरी, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा शामिल हैं।
सुरेश उनियाल
वार्ता