राज्य » अन्य राज्यPosted at: Aug 19 2024 2:28PM राज्यपाल की मंजूरी के खिलाफ के सिद्दारमैया ने हाईकोर्ट का किया रुख
बेंगलुरु, 19 अगस्त (वार्ता) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने उच्च न्यायालय में कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले के संबंध में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के राज्यपाल थावर चंद गहलोत के फैसले को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की है।
न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की पीठ मुख्य न्यायाधीश की मंजूरी मिलने तक मुख्यमंत्री की याचिका पर विचार कर सकती है।
यह याचिका तब आई है जब मुख्यमंत्री को एमयूडीए द्वारा भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि श्री सिद्धारमैया ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।
राज्यपाल ने 17 अगस्त को एमयूडीए द्वारा भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी।
विवाद उस समय शुरू हुआ जब सामाजिक कार्यकर्ता टी जे अब्राहम, मैसूर से स्नेहमई कृष्णा और बेंगलुरु से प्रदीप कुमार एसपी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल से श्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी।
आरोप है कि मैसूरु में लगभग 14 भूखंडों के आवंटन पर केंद्रित हैं। भूखंडों को लेकर इनका दावा है कि ये गलत तरीके से मुख्यमंत्री की पत्नी को दिए गए है।
रिपोर्टों के अनुसार विचाराधीन भूमि कथित तौर पर दलित समुदाय के सदस्यों के लिए थी लेकिन फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके धोखाधड़ी से इसे स्थानांतरित कर दिया गया। जिससे हजारों करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान होने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री के बहनोई मलिकार्जुन स्वामी देवराज भी कथित तौर पर इस घोटाले में शामिल हैं। यह मामला कर्नाटक में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक टकराव का कारण बन गया है, सत्तारूढ़ कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी भारतीय जनता पार्टी दोनों एक लंबी लड़ाई के लिए तैयार मालूम होते हैं।
सैनी.संजय
वार्ता