कोलकाता, 01 जनवरी (वार्ता) आध्यात्मिक गुरू श्री रामकृष्ण परमहंस की स्मृति में मनाए जाने वाले कल्पतरू उत्सव के मौके पर बुधवार को देश भर से लाखों की संख्या में यहां विश्व प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर मंदिर आए और पूजा-अर्चना की।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ सपत्नीक कोसीपुर उदयनबाटी पहुंचे और दक्षिणेश्वर मंदिर में मां काली एवं भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘कल्पतरु उत्सव’ के अवसर पर सभी को बधाई दी। उन्होंने टवीट किया, “आज कल्पतरु उत्सव है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन रामकृष्ण परमहंस देव उस जादुई पेड़ 'कल्पतरु' में बदल गए थे, जो सभी की इच्छाओं को पूरा करता है। सभी को मेरा नमस्कार।”
कल्पतरु उत्सव एक कल्पतरु या जादुई पेड़ में रामकृष्ण परमहंस के रूपांतर का प्रतीक है। यह त्यौहार हर साल भारत के महान आत्मा स्वामी रामकृष्ण परमहंस के दिव्य परिवर्तन की याद में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद उनके परम अनुयायी थे।
प्रत्येक वर्ष एक जनवरी नये साल के दिन मनाए जाने वाले कल्पतरु उत्सव में सहभागी होने बड़ी संख्या में भक्त दक्षिणेश्वर काली मंदिर जाते हैं। दक्षिणेश्वर काली मंदिर हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित है और यह देवी काली और भगवान शिव को समर्पित है। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के जीवन का एक बड़ा हिस्सा इस मंदिर में मां काली एवं शिवजी की भक्ति में गुजरा।
कल्पतरु उत्सव का आयोजन राज्य में कई स्थानों पर होता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण उत्सव कोसीपुर गार्डन हाउस के पास उदयनबाटी में होता है। वर्तमान में यह रामकृष्ण मठ वह स्थान है, जहां श्री रामकृष्ण ने अपने जीवन के अंतिम दिन बिताए थे। इस दिन सभी श्रद्धालु रामकृष्ण देव के कक्ष में प्रवेश कर सकते हैं।
टंडन, उप्रेती
वार्ता