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कल्पवासियों ने प्रशासन पर लगाया उपेक्षा का आरोप

कल्पवासियों ने प्रशासन पर लगाया उपेक्षा का आरोप

कुम्भनगर, 24 जनवरी (वार्ता) संगम की रेती पर कल्पवास करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने कुंभ प्रशासन पर सौतेला व्यवहार अपनाये जाने का आरोप लगाया है।

कल्पवासियों की पीड़ा है कि कुंभ प्रशासन एक तरफ जहां अखाडों, साधु, महात्माओं को विशिष्ट और अतिविशिष्ट सेवा प्रदान कर रहा है वहीं हजारों की संख्या में कल्पवास करने आये श्रद्धालुओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। कल्पवासी गंगा किनारे पण्डों के शिविर में रहकर कल्पवास कर रहे हैं जहां उन्हें दैनिक उपयोग की उचित सुविधा अभी तक मुहैय्या नहीं करायी गयी है।

तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की रेती पर संयम, अहिंसा, श्रद्धा एवं कायाशोधन के लिए कल्पवासियों का पौष पूर्णिमा स्नान के साथ 'कल्पवास' शुरू हो चुका है।

कल्पवासियों का आरोप है कहने के लिए ‘मेला कल्पवासियों का है” लेकिन आवभगत अखाड़ों के बड़े-बड़े साधु, महात्माओं की जा रही है। उनकी एक आवाज पर पूरा अमला एक पैर पर खड़ा रहता है। प्रशासन केवल अतिविशिष्ट लोगों की सेवा में तल्लीन है। उनके सेवा भाव से ऐसा लगता है पूरा मेला उन्ही के इर्द-गिर्द घूमने वाला है। कहने के लिए मेला कल्पवासियों का है लेकिन कुछ शिविरों में कल्पवास कर रहे श्रद्धालुओं को छोड़कर कहीं कोई सुविधा प्रशासन ने अभी तक मुहैय्या नहीं कराया है।

उन्होंने बताया कि क्षेत्र में न/न तो राशन कार्ड, उचित चकरप्लेट, सफाई अौर बालू पर पानी छिडकाव है और ना ही शौच की उचित व्यवस्था है। मजबूर होकर भोर में महिलाओं को खुले में शौच जाना पड़ रहा है। खुलेआम कचरा घरों के आगे पड़ा हुआ है। कूड़ा उठाने वाले भी कहीं कहीं का कूड़ा उठाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

दिनेश प्रदीप

जारी वार्ता

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