भोपाल, 03 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के श्रीसिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की द्वितीय चरण की सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित 660-660 मेगावाट की दो इकाईयों का लोकार्पण किया।
परियोजना के द्वितीय चरण की 660 मेगावाट क्षमता की इकाई क्रमांक-तीन से वाणिज्यिक उत्पादन नवम्बर 2018 से प्रारंभ हो गया, वहीं 660 मेगावाट क्षमता की इकाई क्रमांक-चार को पूर्ण क्षमता (फुल लोड) पर 26 फरवरी 2019 को सफलतापूर्वक संचालित किया जा चुका है। इस इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन मार्च 2019 से प्रारंभ होने जा रहा है।
परियोजना के प्रथम चरण में 7820 करोड़ रूपये की लागत से 600-600 मेगावाट की दो इकाईयां विद्युत उत्पादन सुचारू से कर रही हैं। द्वितीय चरण में सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित 660-660 मेगावाट की दो इकाईयों की लागत 7738 करोड़ रूपये है। परियोजना के दोनों चरणों के लिये आवश्यक सभी अंश पूंजी राज्य शासन द्वारा दी गई है, शेष राशि ऋण के रूप में उपलब्ध करवाई गई है। जनवरी 2019 तक परियोजना के द्वितीय चरण पर लगभग 5863 करोड़ रूपये व्यय (जो कि कुल लागत का लगभग 76 प्रतिशत है) किया जा चुका है।
इकाईयों के लोकार्पण के बाद श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी की सबसे बड़ी ताप विद्युत परियोजना बन जाएगी। इसकी कुल स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता 2520 मेगावाट है। पावर जनरेटिंग कंपनी की कुल ताप विद्युत उत्पादन क्षमता 5400 मेगावाट हो जाएगी। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की दोनों इकाईयों से उत्पादित होने वाली बिजली का सर्वाधिक लाभ प्रदेश के कृषि उपभोक्ताओं को मिलेगा। पिछले वर्षों में प्रदेश में विद्युत की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। परियोजना से उत्पादित होने वाली बिजली से बिजली की मांग की आपूर्ति में विशेष योगदान मिलेगा।
समारोह में मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री सचिन यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण सुभाष यादव एवं विधायक नारायण पटेल, प्रमुख सचिव उर्जा आई.पी.सी. केशरी, प्रबंध संचालक पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी विकास नरवाल उपस्थित थे।