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यूपी के 18 जिलों से होकर गुजरेगी कांदला-गोरखपुर पाइप लाइन

यूपी के 18 जिलों से होकर गुजरेगी कांदला-गोरखपुर पाइप लाइन

लखनऊ 24 सितम्बर,(वार्ता) दुनिया की सबसे लम्बी कांदला-गोरखपुर एलपीजी पाइप लाइन परियोजना उत्तर प्रदेश के 18 जिलों से होकर गुजरेगी।

सूबे के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कांदला-गोरखपुर पाइप लाइन के सम्बन्ध में अन्तर्विभागीय बैठक आयोजित की गयी। बैठक में केन्द्र सरकार की 2800 किलोमीटर लम्बी प्रतिष्ठित कांदला-गोरखपुर एलपीजी पाइपलाइन परियोजना के उत्तर प्रदेश चरण के कार्यों की समीक्षा की गई। परियोजना के पूरा होने पर यह दुनिया की सबसे लम्बी एलपीजी पाइप लाइन परियोजना होगी।

यूपी राज्य में तेल उद्योग सुरक्षा निदेशालय (ओआईएसडी), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) के दिशा निर्देशों और अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान (एपीआई) मानकों के अनुसार लगभग 1083 किलोमीटर लम्बी पाइपलाइन बिछाई जायेगी। यह पाइपलाइन 18 जिलो ललितपुर, झांसी, जालौन, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज, भदोही, जौनपुर, वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, गोरखपुर, देवरिया तथा 46 तहसीलों और 966 गांवों से होकर गुजरेगी।

मुख्य सचिव ने सम्बन्धित जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि भूमिगत एलपीजी पाइपलाइन बिछाये जाने के लिए भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित समस्याओं का यथाशीघ्र निस्तारण कराकर कार्यों में तेजी लाई जाये।

ज्ञातव्य है कि आईएचबी लिमिटेड (इण्डियन ऑयल कारपोरेशन लि0, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लि और भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लि) तीन प्रमुख तेल और गैस केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की एक संयुक्त उद्यम कम्पनी है। आईएचबी कम्पनी का गठन कांदला-गोरखपुर एलपीजी पाइपलाइन परियोजना को लागू करने और उसके बाद पाइपलाइन के संचालन और प्रबन्धन के लिए किया गया है। यह पाइपलाइन पश्चिमी तट से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात राज्यों में बॉटलिंग प्लान्ट तक एलपीजी के पाइपालाइन परिवहन द्वारा एलपीजी घाटे को पूरा करने में मदद करेगा। यह एकल पाइपलाइन भारत की कुल एलपीजी मांग का लगभग 25 प्रतिशत परिवहन करने में सक्षम होगी।

इस पाइपलाइन से गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति से लगभग 34 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। परियोजना की समय सीमा दिसम्बर, 2022 है और इसे लगभग 10,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जा रहा है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह व वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से 18 जिलों के जिलाधिकारी एवं महाप्रबन्धक परियोजना आईएचबी फैसल हसन समेत अन्य सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रदीप

वार्ता

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