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लोकरुचि


कान्हा को दर्शन को उमड़े गोकुलवासी

कान्हा को दर्शन को उमड़े गोकुलवासी

मथुरा, 04 सितम्बर (वार्ता) ब्रजवासियों के कान्हा और आमजन के श्यामसुन्दर के गोकुल पहुंचने की खुशी में मंगलवार को गोकुलवासियों ने पलक पांवड़े बिछा दिए। शहनाई और नगाड़ों की ध्वनि के बीच गोकुलवासी झूम उठे।


     वैसे तो गोकुल में सोमवार की आधी रात बाद से ही चहल पहल शुरू हो गई थी लेकिन आज सुबह जैसे ही लोगों को पता चला कि “ यशोदा जायो लालना मै वेदन में सुनि आई ” तो गोकुलवासी राजा ठाकुर मंदिर की ओर दौड़ पड़े जहां पर यशोदा की भूमिका निभा रहे सेवायत अरूण जी की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नही था।

     मंदिर के महंत भीखू जी महराज ने बताया कि यशोदा के लाला को देखने के लिए आज मंदिर में इतनी भीड़ उमड़ पड़ी कि उसको नियंत्रित करना मुश्किल हो गया क्योंकि ‘नन्द के आनन्द भये जै कन्हैयालाल की’ के सामूहिक गायन के बीच महिलाएं, पुरूष और बच्चे नृत्य कर रहे थे। एक ओर मंदिर के गर्भगृह से श्रद्धालुओं पर हल्दी मिश्रित दही डाला जा रहा था, दूसरी ओर मस्ती में लोग नृत्य कर रहे थे। गर्भ गृह से लुटाया जानेवाला प्रसाद, फल , खिलौने लूटने की होड़ सी मच गई।

     लगभग दस बजे बैंड बाजों की ध्वनि के बीच राजा ठाकुर मंदिर से ठाकुर की सवारी शोभायात्रा के रूप में चली जो गोकुल चैक पर नन्दोत्सव में बदल गई। जहां पर एक ओर होली का सा माहौल हो गया था तथा जमकर दधि लोगों पर डाला जा रहा था दूसरी ओर खिलैाने , मिठाई लुटाई जा रही थी।

काष्र्णि आश्रम रमणरेती में नन्दोत्सव में हजारों श्रद्धालुओं में नन्दोत्सव का प्रसाद लूटने की होड़ मच गई। पहले मंदिर के पास बने मंच से फल, खिलौने लुटाए जाते रहे बाद में काष्र्णि गुरू शरणानन्द जी महराज के आगमन के साथ वातावरण ‘हाथी दीन्हे घोड़ा दीन्हे और दीन्हें पालकी, जै कन्हैया लाल की’ के सामूहिक गायन और नृत्य के रूप में बदल गया। तीर्थयात्री खिलैाने, फल, मिठाई, टाफियां लूट रहे थे तो वह क्षण अविष्मरणीय बना जब गुरूशरणानन्द महराज ने चांदी के सिक्के और पायल लुटाए तो स्वामी स्वरूपानन्द महराज, स्वामी महेशानन्द, स्वामी गोविन्दानन्द एवं स्वामी हरिदास ने ठाकुर के वस्त्र प्रसादी के रूप में लुटाए। इन वस्त्रों के लूटने की होड़ बड़े बड़ों तक में थी क्योकि इसमें ठाकुर की साल भर की पोशाकें, तौलिया आद वस्त्र थे जिन्हें ठाकुर के प्रयोग में रोज लाया जाता है। नन्दोत्सव का समापन ’’नन्द के लाला की जय’’से हुआ।

     स्वामीनारायण मंदिर मथुरा में तो आज जबरदस्त तरीके से दधिकाना का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं में दही लूटने की होड़ मची रही तो मिठाई, खिलौने,  टाफियो की एक प्रकार से वर्षा सी हुई तथा जो भी आया उसे यह प्रसाद दिया गया विशेष रूप से गरीब बच्चों में मिठाई और टाफियों का विशेष वितरण हुआ। महंत अखिलेश्वरदास ने बताया कि मंदिर की ओर से गरीब बच्चों को प्रोत्साहित करने का लगातार प्रयास होता है। हिंडोला उत्सव में तो गरीब बच्चों में कापियां और पेसिल प्रसाद रूप में वितरित किये गए थे। आज इन बच्चों में मिठाई , खिलौने और टाफियों का जब वितरण हुआ तो उनके चेहरे खिल उठे।

     नन्दोत्सव का आयोजन श्रीकृष्णजन्मस्थान के मंदिरों, द्वारकाधीश मंदिर, वृन्दावन के मंदिरों, नन्दगांव , बरसाना एवं महाबन के मंदिरों में धूमधाम से किया गया।

    सोमवार की रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में जब अभिषेक का कार्यक्रम शुरू हुआ तो बाल, वृद्ध, पुरूष, महिलाओं में इसकी एक झलक पाने की धक्का मुक्की सी होने लगी।सोने चांदी की 51 किलो की गाय से दुग्ध का स्वतः ठाकुर पर गिरना देखकर लोग लालायित थे। श्रीकृष्ण जन्म के साथ ही जबर्दस्त पुष्प वर्षा हुई तथा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा और उनकी टीम ने  टाफियां एवं खिलौने लुटाए । कुल मिलाकर जन्माष्टमी की पूर्व संध्या से चली भक्ति की बयार आज भी तेजी से बह रही है तथा तीर्थयात्री उसका आनन्द लेकर धन्य हो रहे हैं।

सं प्रदीप

वार्ता

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