नयी दिल्ली 03 सितम्बर (वार्ता) राजधानी स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार अगले आम चुनाव में बिहार के बेगुसराय संसदीय क्षेत्र से विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर चुनावी किस्मत आजमाने को तैयार हैं।
कन्हैया कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जैसे विपक्षी दलों के सहयोग से एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरेंगे।
यद्यपि भाकपा नेतृत्व इस मामले में ज्यादा कुछ बोल नहीं रहा है, लेकिन ऐसा समझा जा रहा है कि कन्हैया बेगुसराय सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- जनता दल (यू) के संयुक्त उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
भाकपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “ यह फैसला कम से कम छह माह पहले ले लिया गया था। हमने अन्य दलों से अनौपचारिक बातचीत करके कन्हैया को बेगुसराय से चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया।” श्री कुमार ने भी मीडिया से बातचीत में भी कहा था कि यदि पार्टी उनसे कहती है तो उन्हें बेगुसराय से चुनाव लड़ने में कोई आपत्ति नहीं होगी।
भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने यूनीवार्ता से बातचीत में कहा, “ कन्हैया ने जो भी कहा है, सही कहा है। यदि पार्टी उन्हें (कन्हैया को) लड़ाना चाहेगी तो वह जरूर लड़ेंगे। वह बेगुसराय के हैं और वह चर्चित नेता भी हैं। हमने उम्मीदवारों के बारे में हालांकि अभी चर्चा नहीं की है कि कौन कहां से लड़ेगा?”
श्री रेड्डी ने कहा कि जब चुनाव की घोषणा होगी, तभी पार्टी उम्मीदवारों के बारे में तय करेगी। उन्होंने कहा, “हां, यह सही है कि कन्हैया के बेगुसराय से लड़ने के बारे में आपस में बातचीत हुई थी लेकिन अभी तक हमने किसी की उम्मीदवारी या निर्वाचन क्षेत्र का निर्धारण नहीं किया है।”
गौरतलब है कि कन्हैया को पूर्व छात्र नेताओं- उमर खालिद और अनिरबन भट्टाचार्य के साथ फरवरी 2016 में राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। घटना के दो वर्ष बीत जाने क बाद भी दिल्ली पुलिस इस मामले में आरोप पत्र दायर नहीं कर सकी है।
कभी वामपंथ का किला कहे जाने वाले बेगुसराय में भाकपा का प्रभाव कम हुआ है और भाजपा नेता भोला प्रसाद सिंह इस क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सुरेश.श्रवण
वार्ता