भारतPosted at: Jan 17 2023 11:40PM कंझावला मामलाः पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 को जोड़ा
नयी दिल्ली, 17 जनवरी (वार्ता) दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि शारीरिक, मौखिक और फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर कंझावला इलाके में घटित हुई घटना के मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 लगाई गई है।
इस घटना में एक 20 वर्षीय लड़की की नए साल के दिन सुल्तानपुरी से कंझावला इलाके में कथित तौर कार से टक्कर मारने और 12 किलोमीटर तक कार से घसीटने की वजह से उसकी मौत हो गयी थी।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा देने के लिए पुलिस ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) का रुख किया है। पुलिस ने बताया कि 01 जनवरी को उपलब्ध तथ्यों और परिस्थितियों की जांच के बाद आईपीसी की धारा 279/304ए के तहत मामला दर्ज किया गया था और जांच के दौरान उसी दिन मामले में धारा 304/120बी/34 भी जोड़ दी गई थी।
पुलिस के मुताबिक आईपीसी की धारा 304ए को शामिल करने का उद्देश्य एमएसीटी से पीड़ित परिवार को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करना था, क्योंकि पीड़ित परिवार के लिए कमाई के एकमात्र जरिया थी।
पुलिस ने कहा कि दुर्घटना की प्रथम रिपोर्ट (एफएआर) एमएसीटी को भेजी गई है। दिल्ली पुलिस मृतक परिवार के सदस्यों के लिए मुआवजे के रूप में अधिकतम राशि प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम प्रयासों के साथ एमएसीटी में मुआवजे का दावा भर रही है, ताकि जीवित बचे लोगों की देखभाल की जा सके।
उल्लेखनीय है कि दुर्घटना वाले समय में ड्यूटी पर तैनात रोहिणी जिले के 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। इनमें पुलिस नियंत्रण कक्ष और घटना स्थल पर तैनात पुलिसकर्मी शामिल है।
संतोष
वार्ता