भारतPosted at: Oct 25 2019 1:58PM करतारपुर गलियारा पाकिस्तान के लिए हो सकता है बड़ा सहारा
नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (वार्ता) पाकिस्तान की आर्थिक तंगहाली जग जाहिर है और संकट के इस दौर में उसे हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज लेने के लिए कड़ी शर्तों को मानना पड़ा था लेकिन करतारपुर गलियारा उसके लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इस गलियारे से पाकिस्तान के खजाने को सालाना छह अरब रुपए की आय हो सकती है।
भारत और पाकिस्तान ने गुरुवार को करतारपुर गलियारे से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत सिख श्रद्धालु पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल स्थित दरबार साहेब के दर्शन के लिए जा सकेंगे। यह तीर्थस्थल अंतरराष्ट्रीय सीमा से केवल चार किलोमीटर दूर है। यह गुरुद्वारा सिख पंथ के पहले गुरु नानक देव जी के जीवन से जुड़ा हुआ है। गुरु नानक देव जी ने यहां अपने जीवन के अंतिम दिन व्यतीत किए थे। उनकी 550 वीं जयंती के अवसर पर नौ नवंबर को करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया जायेगा और भारत की तरफ से सिख श्रद्धालुओं को 10 नवंबर से इस तीर्थस्थल के दर्शन करने की अनुमति होगी। यह गलियारा डेरा बाबा नानक साहिब और गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ेगा। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत रोजाना पांच हजार श्रद्धालुओं को दरबार साहेब जाने की अनुमति होगी। पाकिस्तान ने दरबार साहेब आने के लिए 20 डालर का शुल्क रखा है। सिखों की अपने गुरुद्वारों के प्रति श्रद्धा जगजाहिर है और ऐसे में उम्मीद है कि रोजाना पांच हजार श्रद्धालुओं के यहां आने की संख्या बहुत अधिक नहीं है।
करतारपुर गलियारा समझौते के तहत श्रद्धालुओं को 20 डालर का सेवा प्रभार देना होगा। इस प्रकार रोजाना पांच हजार श्रद्धालुओं से 20 डालर का वसूला जाने वाला यह प्रभार एक लाख डालर रोजाना होगा। यह राशि एक वर्ष में तीन करोड़ 65 लाख डालर बैठेगी। वर्तमान में डालर की तुलना में पाकिस्तानी रुपए की विनिमय दर 155.72 रुपए है। इसका अर्थ यह हुआ कि रोजाना एक करोड़ 55 लाख 72 हजार रुपए का सेवा प्रभार वसूला जायेगा। यह गलियारा साल भर खुला रहेगा और यदि प्रतिदिन इतनी ही कमाई हुई तो एक वर्ष में यह राशि करीब छह अरब रुपए तक पहुंच जायेगी।
पाकिस्तान स्थित दरबार साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं को आन लाइन पंजीकरण कराना होगा जो गुरुवार से शुरू हो गया है। जिन श्रद्धालुओं को दरबार साहेब जाने के लिए अनुमति दी जायेगी उन्हें यात्रा के दिन से तीन-चार दिन पहले ई-मेल अथवा एसएमस के माध्यम से जानकारी भेज दी जायेगी। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के दरबार साहेब के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की सूची यात्रा की तारीख से 10 दिन पहले पाकिस्तान को मुहैया करा दी जायेगी। श्रद्धालुओं को दर्शन करके उसी दिन वापस होना पड़ेगा।
सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने दरबार साहिब में अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किए थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नौ नवंबर को इस गलियारे का उद्घाटन करेंगे।
मिश्रा.श्रवण
वार्ता