श्रीनगर, 13 फरवरी (वार्ता) कश्मीर में बैट निर्माताओं ने उद्योग को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर विलो वृक्षारोपण (बेंत की तरह पतली लचकदार डाली वाला पेड़) शुरू करने की सरकार से गुजारिश की है।
हाल के कुछ वर्षों में लागत प्रभावशीलता के चलते कश्मीर में क्रिकेट के बल्ले की मांग में वृद्धि हुई है। कश्मीर के क्रिकेट बैट निर्माताओं ने कहा कि पिछले 30 वर्षों में सरकारी भूमि पर बड़े पैमाने पर विलो पेड़ों का कोई रोपण नहीं हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप आपूर्ति घट रही है।
बैट निर्माताओं ने कहा, “ पिछले कुछ वर्षों से, हम आपूर्ति की कमी से जूझ रहे हैं, और हमें डर है कि इसके कारण हमें अपना कारोबार बंद करना पड़ सकता है।”
यह उद्योग लगभग डेढ़ लाख श्रमिकों को रोजगार देता है, जिनमें से 70 प्रतिशत मेरठ, उत्तर प्रदेश और पंजाब से और 30 प्रतिशत कश्मीर से हैं और इस उद्योग से 300 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है।
बैट निर्माताओं ने सरकार को पत्र लिख कर कहा “हमारे पास लगभग नौ हजार 150 हेक्टेयर आर्द्रभूमि उपलब्ध है जिसका उपयोग केवल विलो पेड़ों के रोपण के लिए किया जा सकता है, क्योंकि आर्द्रभूमि में विलो के अलावा कोई अन्य पेड़ नहीं उगता है। यदि कनाडा और पाकिस्तान की तरह कश्मीर में भी बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान शुरू किया जाता है, तो जम्मू और कश्मीर कच्चे माल के भंडार में आत्मनिर्भर हो जाएगा और इससे उद्योग को सदियों तक जीवित रहने में मदद मिलेगी।”
प्रदीप
वार्ता