नयी दिल्ली,15 सितंबर (वार्ता) एक फेमस रॉकस्टार बनने का सपना देखने वाला कश्मीर का ‘रब्बी’ किस कदर आंतकवाद की बेड़ियों में बंध कर संगीतकार से आंतकवादी बन जाता है,इसका पता सिनेमाघरों में आज रिलीज हुई मूवी ‘रब्बी’ से चलता है। इस हफ्ते जितेश कुमार प्रोडक्शन लेकर आयी है,यह एक ऐसे नौजवान की कहानी है जिसमें आगे बढ़ने की बेहद लगन है लेकिन समाज के रीति-रिवाज के जाले किस तरह इस नौजवान को आगे बढ़ने से रोकते हैं, इसका पता मूवी देखने पर चलता है। इस फिल्म का निर्देशन राहत काज़मी ने किया है। कश्मीरी लड़के का किरदार इस फिल्म में फुरकान मर्चेंट निभा रहे हैं। यह कश्मीरी लड़का संगीत से बहुत प्यार करता है लेकिन मुस्लिम धर्म में पैदा होने के कारण रीति-रिवाज उसके संगीत के भविष्य में अड़ंगे डालते हैं। फिल्म में पिता का किरदार निभा रहे रघुबीर यादव संगीत के कट्टर विरोधी होते हैं। अपने बेटे 'रब्बी' को वह यही समझाते हैं कि गाना-बजाना मुस्लिम धर्म की तौहीन करना है, इसलिए रब्बी संगीत से दूर ही रहे। रब्बी को मालूम होता है कि संगीत के इलावा उसका और कोई धर्म नहीं। इसलिए अपने पिता की मौत के बाद वह रॉकस्टार बनने के लिये मुम्बई जाने का फैसला करता है। मुम्बई जाने के लिए उसे पैसों की जरूरत होती है लेकिन घर से पैसे न मिलने के कारण वह अपने दोस्त से मदद मांगता है जो कि उसे आंतकवादियों के पास ले जाता है। रब्बी इस बात से अनजान होता है तथा आगे फिल्म में आंतकवादियों के कहने पर वह एक बैग दूसरे आंतकवादी को सौंपने चला जाता है जिसमें एक बम रखा होता है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस उसे पकड़ लेती है और रब्बी को आंतकवादी करार देती है। ‘रब्बी’फिल्म में स्टोरी से लेकर कलाकार भी काफी दमदार तरीके से अपने काम को अंजाम देते नजर आये जिनमें बाबूमोशाय बंदूकबाज फिल्म से चर्चा में आई बिदिता बाग सहायक अभिनेता के रुप में है। वीरेंद्र सक्सेना,रघुबीर यादव, फुरकान मर्चेंट और डॉली अहलुवाहिया जैसे मशूहर कलाकार भी इस फिल्म में अपने किरदार निभाते दिखे हैं। इस फिल्म में लड़की के पिता का किरदार निबाह रहे वीरेंद्र सक्सेना ने ‘वार्ता’ को बताया की इस फिल्म को बनाने में लगभग 20 दिन का समय लगा है तथा फिल्म की शूटिंग भी कश्मीर में ही की गयी। मूवी की सफ़लता को लेकर वीरेंद्र ने कहा की वे सब यही चाहते हैं कि इस मूवी को काफी तरक्की मिले क्योंकि सभी कलाकारों ने काफी मेहनत की है जो कि फिल्म में देखने को मिलती है। सं.श्रवण वार्ता