मेलबोर्न, 20 मई (वार्ता) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए गेंद पर मुंह की लार के इस्तेमाल पर रोक के बीच क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) का कहना है कि मैच के दौरान गेंद को संक्रमण मुक्त रखना भी एक विकल्प हो सकता है।
भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की तकनीकी समिति ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए गेंदबाजों के गेंद पर मुंह की लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के स्पोटर्स साइंस और मेडिसिन मैनेजर एलेक्स कोंटोरिस का कहना है कि गेंद को संक्रमित मुक्त रखना भी एक विकल्प हो सकता है।
कोंटारिस ने कहा, “हमें अभी तक यह नहीं पाता कि इसका गेंद पर क्या असर होगा क्योंकि हमने अभी इसका टेस्ट नहीं किया है। हमें पहले इसे टेस्ट करना होगा और उसके बाद हमें आईसीसी से बात कर इजाजत लेनी होगी। इसमें कई चीजें है जिस पर विचार किया जाना है। गेंद लैदर की होती है और इसे संक्रमण रहित रखना मुश्किल है तथा गेंद का आकार भी बदल सकता है। ”
उन्होंने कहा, “हमें नहीं पता कि यह कितना प्रभावी होगा, हम नहीं जानते कि गेंद कैसे संक्रमित होगी और हमें यह भी नहीं पता कि हमें इसकी इजाजत दी जाएगी या नहीं। लेकिन यह एक विकल्प हो सकता है। अभी सभी मुद्दों पर चर्चा की जा रही है और सभी विकल्पों पर ध्यान दिया जा रहा है।”
कोंटोरिस ने कहा, “कुछ खिलाड़ियों की आदत है कि वे गेंद को हाथ में लेते समय उंगली में मुंह की लार लगाकर उसे चमकाते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आदत छोड़ने के लिए अभ्यास का समय मिले लेकिन कभी-कभी गलती हो सकती है और हमने इस बारे में चर्चा नहीं की है कि हम इससे कैसे पार पाएंगे।”
शोभित राज
वार्ता