नयी दिल्ली,02 नवंबर(वार्ता) वन , पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के बदतर हालात पर चिंता जताते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर प्रदूषण को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि श्री केजरीवाल बच्चों को इस लडाई में शामिल कर रहे हैं और हरियाणा तथा पंजाब के मुख्यमंत्रियो को बच्चों के सामने एक खलनायक की तरह पेश कर रहे हैं।
श्री जावड़ेकर ने शनिवार को एक कार्यक्रम में पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि श्री केजरीवाल जिस तरह से स्कूली बच्चों को इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने की बातें कह रहे हैं वह एक तरह से उन्हें भड़काने जैसा है यह बहुत ही गलत बात है कि एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति इस तरह की राजनीति कर रहे हैं ।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री प्रदूषण का राजनीतिकरण कर रहे हैं और आरोप-प्रत्यारोप के खेल पर उतर आए हैं। पिछले 15 वर्षों में राजधानी की हवा काफी बिगड़ गई है और इस मसले पर सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है लेकिन दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने का श्रेय खुद ही ले रही है और इस बात को प्रचारित करने के लिए उसने 1500 करोड़ रुपए सिर्फ विज्ञापनों पर खर्च किए है। इसके बजाए अगर दिल्ली सरकार यह राशि पंजाब और हरियाणा के किसानों को दे देती तो वे मशीनें खरीद सकते थे ।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने मेट्रो के एक चरण के अपने हिस्से की धनराशि भी नहीं दी थी और इस मामले में अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा था। इसके अलावा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेवे के लिए जो 3500 करोड़ रुपये देने थे वो नहीं दिए, अगर हम एक-दूसरे पर इसी तरह आरोप लगाते रहे तो कई मुद्दे उठ खड़े होंगे।
उन्होंने कहा कि लोगों को प्रदूषण से राहत दिलाना सभी पक्षों की जिम्मेदारी दायित्व है और श्री केजरीवाल हरियाणा और पंजाब सरकार पर आरोप लगाने के बजाय पंजाब , हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली को एक साथ मिलकर प्रदूषण से बचाव का उपाय तलाशना होगा।
पर्यावरण मंत्री ने दिल्ली सरकार की ऑड- ईवन योजना पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि इससे भी प्रदूषण को रोकने में कोई मदद नहीं मिलेगी और प्रदूषण नियंत्रण एक सतत प्रकिया है। इस दिशा में संबंधित राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों तथा अधिकारियों के साथ केन्द्र सरकार ने बातचीत शुरू कर दी है।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में प्रदूषण से निपटने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और 17 हजार करोड़ रुपए की लागत से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेवे बनाया गया है जहां से रोजाना 60 हजार ट्रक गुजरते हैं और इन ट्रकों के दिल्ली नहीं आने से भी प्रदूषण में काफी कमी आई है । इसके अलावा राजधानी में बदरपुर संयंत्र को बंद कराया गया है और तीन हजार उद्योगों को पीएनजी प्रणाली पर लाया गया है। राजधानी से सटे क्षेत्रों में तीन हजार इँट भट्टों को जिग जैग तकनीक से चलाया गया है। केन्द्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा सरकार को 1100 करोड़ रुपए दिए हैं और यह राशि किसानों को वितरित की गई है ताकि वे मशीनें खरीद ले और पराली को निपटारा इसमें करें।
जितेन्द्र
वार्ता